शैलेश सैनी। नाहन
जिला मुख्यालय नाहन के रानीताल गार्डन स्थित तालाब में भारी तादाद में मछलियों के मारे जाने से हडक़ंप मच गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह के समय कुछ लोगों ने पानी की सतह पर मछलियों को तड़पते हुए पाया।
देखते ही देखते थोड़ी देर में भारी तादाद में मरी हुई मछलियां पानी सतह पर आ गई। मछलियों के मारे जाने की खबर मिलते ही नगर परिषद प्रशासन फौरन हरकत में आया।
मौके पर सहायक अभियंता नगर परिषद परवेज इकबाल अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने हैरानी जताते हुए बताया कि तालाब की पिछले महीने भी सफाई करवाई थी और तालाब की समय-समय पर सफाई करवाई जाती है। इसके बाद उन्होंने नगर परिषद के कर्मियों को नाव के सहारे तालाब में उतारा।
तलाब से जब मछलियों को इकट्ठा कर बाहर निकाला गया तो इनकी मात्रा करीब 1 क्विंटल के आसपास आंकी गई। तलाब में हाल ही में हुई बारिश के चलते काफी मात्रा में काई भी उग आई थी।
बता दें कि इस तालाब में जिस प्रजाति की मछलियां मारी गई हैं वह कॉमन कॉर्प है। इस बाबत फिशरी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त हुए निदेशक गुरुचरण ने भी जानकारी जुटाई।
गुरचरण का कहना है कि तालाब में इस प्रकार की मछली नहीं डाली जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कॉमन कॉर्प खड़े पानी में अंडे देती है जिसके चलते उनकी संख्या में भारी इजाफा हो जाता है। इसके चलते ऑक्सीजन लेवल भी कम हो जाता है। उन्होंने संभावना जताते हुए बताया कि ऑक्सीजन लेवल के कम होने के कारण यह मछलियां मारी गई होंगी।
गुरचरण सिंह का मानना है कि खड़े पानी में राहु, कतला, मृगल, स्पीशीज की मछलियां ही डाली जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जिस तालाब में काई की मात्रा ज्यादा हो उसमें ग्रास कॉर्प प्रजाति की मछली डालनी चाहिए। यह मछली काई को खाकर जिंदा रहती है।
अब यहां यह भी बताना जरूरी है कि कोरोना के चलते इस वर्ष इस तालाब की मछलियों का टेंडर भी नहीं दिया जा सका। तो वही नगर परिषद का अधिकतर स्टाफ शहर में कोविड-19 थे सफाई व्यवस्था तथा दाह संस्कार जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में जुटा रहा।
नगर परिषद के अधिकारी परवेज इकबाल ने बताया कि मछलियों के मारे जाने के कारणों के बारे में पता लगाया जाएगा। इसके अलावा तालाब की सफाई भी जल्द फिर से करवा दी जाएगी।