नई दिल्ली : चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व विधायक अलका लांबा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गई। लांबा कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रभारी पी सी चाको की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुई। लांबा ने कांग्रेस में शामिल होने के अपने निर्णय की घोषणा पिछले महीने की शुरुआत में उस समय की, जब उन्होंने आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
लांबा की घोषणा के कुछ दिन बाद अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दल-बदल कानून के तहत उन्हें दिल्ली विधानसभा की सदस्य के रूप में अयोग्य ठहरा दिया गया था। दिल्ली विधानसभा में पिछले वर्ष दिसम्बर में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें 1984 सिख विरोधी दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने की मांग की गई थी। लांबा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसके बाद उनके आप के साथ संबंधों में खटास आ गई थी। कांग्रेस में शामिल होना लांबा के लिए घर वापसी की तरह है। उन्होंने दिसम्बर 2014 में 20 वर्ष तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी छोड़ दी थी और इसके बाद वह आप में शामिल हो गई थी। लांबा 2015 में आप के टिकट पर चांदनी चौक विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुई थी।
सत्तारूढ़ आप को छोडऩे के अपने निर्णय की घोषणा के बाद वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थी और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। कांग्रेस में शामिल होने के बाद लांबा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में वापसी करने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि यही एक पार्टी है जो दिल्लीवासियों का ध्यान रख सकती है। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार ने पिछले पांच वर्षों में दिल्लीवासियों की भलाई के लिए कोई ठोस काम नहीं किया।
हालांकि मेरे जैसे कार्यकर्ता हमेशा उनके सामने सवाल रखते हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। लांबा ने आरोप लगाया, केजरीवाल एक तानाशाह की तरह काम करते हैं, जो आप कार्यकर्ताओं और पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों की कभी नहीं सुनते। इसके परिणामस्वरूप विकास के काम प्रभावित होते है। अब वह आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए खोखले वादे करके एक बार फिर लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी की दिल्ली इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लांबा को चांदनी चौक से चुनाव मैदान में उतार सकती है।