रामलाल पाठक। घुमारवीं
मन में कुछ करने का जुनून हो और हौसले बुलंद हों तो सफलता को भी उसके कदम चूमने को मजबूर होना पड़ता है। चाहे रास्ते में कितनी भी परेशानियां झेलनी पड़ें। यह बात घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत पनोह के वार्ड नंबर-2 गांव नाल्टी की 26 वर्षीय डॉ. निशां कुमारी पर पूरी तरह सटीक बैठती है।
नाल्टी गांव की विद्या देवी व पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह के घर 1995 में पैदा हुई बेटी निशा को शुरू से ही पीएचडी करने का शौक था। उसने बचपन में ही मन बना लिया था कि वह पीएचडी अवश्य करेगी। ऐसे में उसने भौतिक विज्ञान में ही अपने भविष्य को संवारना उचित समझा।
हाल ही में भौतिक विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद डॉ. निशा अब बद्दी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। उसने बताया कि पढ़ने का उसे बचपन से ही जुनून था।
डॉक्टर निशा कुमारी ने बताया कि उसने शूलिनी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री 23 अक्तूबर को प्राप्त की तथा उसका कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि अब उसे बद्दी यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में देने का मौका मिल रहा है।
उसने बताया कि वह शिक्षा के क्षेत्र में ही कुछ नया करने का जज्बा लिए आगे बढ़ रही है तथा ऐसे युवाओं को भी शिक्षित करना है जो कम साधन होते हुए भी अपने उद्देश्य को हासिल करने का एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
डॉ. निशांत ने युवाओं से भी आग्रह किया कि वे नशों से दूर रहकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें तथा यदि उनके हौसले बुलंद हैं तो कोई भी रुकावट उन्हें डगमगा नहीं सकती।