हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के गौरवशाली 50 वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की शृंंखला शुरू हो गई है। इसके तहत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को शिमला के निकट करेरू वन भूमि में चेरी ब्लॉसम, यानि पाजा का पौधा रोपा। उन्होंने वन विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न भागों में स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो वर्ष भर चलेगा।
जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन विभाग द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्वर्णिम वाटिका स्थापित करने की पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को आराम की सुविधा प्रदान करने के लिए रमणीक स्थलों को विकसित करने के साथ.साथ प्रकृति के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में शिक्षित करने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल प्रदेश के वन क्षेत्र में वृद्धि में सहायक होगी। इससे शहरी और अद्र्धशहरी समुदायों को पौधरोपण गतिविधियों में शामिल कर वनों के महत्व और संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये वाटिका स्थानीय लोगों को मनोरंजन के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगी जहां उन्हें पैदल चलने तथा आराम करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वन विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि स्थानीय समुदाय विशेषकर शहरी और अद्र्धशहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पर्यावरण और वन संरक्षण जैसे कार्यक्रमों से जुडऩे की आवश्यकता है। नगर निगम शिमला महापौर सत्या कौंडल, उपमहापौर शैलेंद्र चौहान, पार्षदगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन आरडी धीमान, मुख्य अरण्यपाल वन एसडी शर्मा और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हर विधानसभा क्षेत्र में बनेगी स्वर्णिम वाटिका
वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य में वर्ष के दौरान प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 68 स्वर्णिम वाटिकाएं स्थापित की जाएंगी। प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन डॉ. सविता ने कहा कि इस शुरुआत का उद्देश्य आवासीय क्षेत्रों के निकट मानव और प्रकृति के बीच संवाद स्थापित करने के लिए एक अभिन्न स्थान बनाना है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत चेरी ब्लॉसम के औषधीय गुणों वाले 800 पौधे लगाना प्रस्तावित हंै। इन्हें सामान्य टोनिक भी माना जाता है और यह शरीर की जलन को दूर करने में भी उपयोगी सिद्ध होते हैं।