विशेष संवाददाता : शिमला
हिमाचल प्रदेश में आखिर बिजली का उत्पादन बढऩा शुरू हो गया है। अमूमन 15 अप्रैल के बाद से प्रदेश में बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की जाती थी मगर इस बार ऐसा नहीं हो सका था। अब बताया जा रहा है कि पिछले दो-तीन दिन से उत्पादन में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। इससे हिमाचल ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं कई दूसरे राज्यों को भी इससे राहत मिलेगी।
आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों को हिमाचल ज्यादा बिजली बेचेगा। अभी तक पंजाब को बिजली बेची जा रही है, जिसके लिए उसके साथ करार हुआ था। इसके अलावा बैंकिंग की बिजली भी पंजाब को हिमाचल बिजली बोर्ड दे रहा है, जो बिजली उसने सर्दियों के दिनों में पंजाब से ली थी। उसकी वापसी यहां पर की जा रही है।
बताया जाता है कि बिजली बोर्ड के अपने पावर प्रोजेक्टों से उसे 80 लाख यूनिट तक बिजली आनी शुरू हो गई है, जोकि अच्छे संकेत हैं। वहीं प्राइवेट कंपनियों का उत्पादन भी 85 लाख यूनिट तक पहुंच चुका है, जो पिछले दिनों में काफी कम था। दो-तीन दिन से इसमें बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। इस बार हिमाचल में देरी से उत्पादन बढ़ा है, लिहाजा इससे पहले उद्योगों को भी बिजली की कमी झेलनी पड़ी है। मगर अब ऐसा नहीं होगा।
बिजली बोर्ड का दावा है कि वह हिमाचल की जरूरत को पूरा कर रहा है और इसके लिए उसके पास पर्याप्त बिजली है। इसके साथ उसने पंजाब को भी बिजली बेचना व बैंकिंग प्रणाली में बिजली की वापसी शुरू कर दी है। कई दूसरे राज्य भी हिमाचल से बिजली की डिमांड कर रहे हैं। खासकर दिल्ली की बिजली जरूरत पूरा करने के लिए भी वहां से डिमांड है, वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य भी हिमाचल के साथ बातचीत कर रहे हैं। प्रदेश में अरुणाचल पावर कॉर्पोरेशन को बिजली बेचने का टेंडर मिला हुआ है, जो सरकार के हिस्से की बिजली को दूसरे राज्यों को बेच रहा है।
दो-तीन दिन से उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बिजली बोर्ड के प्रोजेक्टों में बिजली बढ़ी है, वहीं स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक भी अब राहत महसूस करने लगे हैं। हालांकि इस बार उत्पादन बढऩे में देरी हुई है, लेकिन अब हालात सामान्य हो जाएंगे।
– ई.पंकज डढवाल, एमडी, बिजली बोर्ड।
पिछले साल हुई है एक हजार करोड़ रुपये की कमाई
देश के कई राज्यों में बिजली की कमी को लेकर उपजे हालातों के बाद हिमाचल एक बड़ा प्लेयर बनकर उभरा है, जिसकी आमदनी पिछले सालों के मुकाबले इस साल बढ़ सकती है। पिछले साल की बात करें तो सरकार के हिस्से की बिजली से लगभग 1 हजार करोड़ रुपये की कमाई हुई है और यह कमाई इस बार बढ़ सकती है। तीन-चार साल से इसमें बढ़ोतरी नहीं हो सकी है थी, लेकिन ऊर्जा विशेषज्ञों की मानें तो इस बार हाइड्रो पर निर्भरता बढऩे से यहां की आमदनी भी बढ़ेगी।
प्रोजेक्टों में उत्पादन 50% से ऊपर
बताया जाता है कि पावर प्रोजेक्टों में बिजली का उत्पादन 50 फीसदी से ज्यादा होना शुरू हो चुका है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभी तपिश उतनी ज्यादा नहीं थी, जिस कारण नदियों में जलस्तर भी कम था। अब धीरे-धीरे जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इससे पावर प्रोजेक्टों में उत्पादन बढऩे लगा है। इस बार देरी से उत्पादन में बढ़ोतरी शुरू हुई है, मगर अब आने वाले दिनों में हिमाचल के साथ दूसरे राज्यों के लिए भी राहत रहेगी।