अनूप शर्मा। बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश सामाजिक विष्लेषण एवं अंवेषण संस्था ने प्रदेश सरकार हिंदू मठ मंदिरों के प्रंबंधन का जिम्मा हिंदू समाज को सौंपा जाए। हिंदू समाज अपने मठ मंदिरों का प्रबंधन चलाने में पूर्ण रूप से सक्षम है। संस्था ने कहा कि समाज में अन्य धर्मो के धार्मिक संस्थान उन्हीें के जिम्मे है। इसी तर्ज पर हिंदू मंदिर व मठ भी इसी समाज को साैंप देने चाहिए।
यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए संस्था के प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह डोगरा ने कहा कि प्राचीन समय में मंदिर मठ हिंदु समाज के आस्था के केंद्र के अलावा अध्यात्मिक व विज्ञान की शिक्षा के भी केंद्र होते थे। वहीं समाज को भी सही दिशा देते थे। इसी कारण भारत को विश्व गुरू भी कहा जाता था। लेकिन बाद में धीरे धीरे भारत पर बाहरी आक्रमणकारी शासकों के कारण सारी व्यवस्थाएं बदल गई । जबरन धर्मपरिवर्तन जैसी घटनाओं से समाज प्रभावित होने लगा।
डोगरा ने कहा कि रही सही कसर अंग्रेजो की लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति ने पूरी कर दी। आजादी के बाद किसी ने भी इस ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने एचपी हिंदु पब्लिक रिलीजियस इंस्सीच्यूशन चैरीटेबल एक्ट 1984 के तहत दस लाख से अधिक आय वाले मंदिरों को अपने अधीन कर लिया था। ते तब से लेकर अब तक यही व्यवस्था चली आ रही है।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू समाज के मठ मंदिरों का प्रबंधन के लिए जिला स्तर व राज्य स्तर पर प्रबंध समितियां बनाई जाए। जिनमें कोई राजनीति से जुडा व्यक्ति न हो । इनमें समाज सेवी व विद्धान लोगों को स्थान दिया। इस तरह की मांग देश के अन्य राज्यों में भी उठनी शुरू हो गई है। उन्होंने सरकार से चपी हिंदु पब्लिक रिलीजियस इंस्सीच्यूशन चैरीटेबल एक्ट 1984को वापिस लेेने की मांग की है। इस पत्रकारवार्ता को संस्था को रिटायर्ड जिला न्यायवादी कश्मीर ठाकुर व वरिष्ठ साहित्यकार कुलदीप चंदेल ने भी संबोधित किया।