- 15 जुलाई से शुरू होगा प्रोसेसिंग प्लांट
- अब पराला में तैयार होगा फ्रूट कंसंट्रेटर
टेकचंद वर्मा: शिमला
हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पादक विपणन और प्रसंस्करण निगम लिमिटेड यानी एचपीएमसी अब मंडी मध्यस्थ योजना के तहत खरीदे गए सेब में लाखों का मालभाड़ा बचाएगा। माल भाड़े के साथ-साथ लोडिंग व अनलोडिंग के पैसों की भी बचत होगी। एचपीएमसी द्वारा पराला में प्रोसेसिंग प्लांट का कार्य पूरा कर दिया गया है। जुलाई माह से उक्त प्लांट क्रियान्वित हो जाएगा। इसके बाद जिला शिमला में ही फ्रूट प्रोसेसिंग होनी शुरू हो जाएगी। पराला में हिमाचल की दूसरा बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट तकरीबन तैयार कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि प्लांट का कार्य जुलाई माह के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। जबकि 15 जुलाई तक प्लांट के शुरू होने की बात की जा रही है।
इस प्लांट के शुरू होने के बाद एचपीएमसी द्वारा मंडी मध्यस्थ योजना के तहत बागवानों से खरीदेगा गया सेब यहीं पर प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाएगा। जिसके चलते अब एचपीएमसी लाखों रुपये का मालभाड़ा बचाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक परवाणू में ही प्रोसेसिंग प्लांट है। यहां तक सेब को पहुंचाने के लिए एपीएमसी को मालभाड़ा चुकाना पड़ता था। जानकारी के तहत बीते साल एचपीएमसी द्वारा शिमला से परमाणू के लिए सेब पहुचाना का भाड़ा 3 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से चुकाया गया था। मगर अब पराला में प्रोसेसिंग प्लांट शुरू होने के बाद ज्यादा मालभाड़ा नहीं चुकाना पड़ेगा। इसके अलावा खरीदी गए बैग के लोडिंग व अनलोडिंग का भी
पैसा बचेगा।
अभी परवाणू में है इकलौता प्रोसेसिंग प्लांट
परवाणू में प्रदेश का पहला प्रोसेसिंग प्लांट है। मंडी मध्यस्थ योजना के तहत यहां प्रदेश में बागवानों से खरीदे जाने वाले उत्पादों की प्रोसेस किया जाता है। एक मात्र प्लांट होने से यहां पर कार्यभार भी अधिक रहता था।
अब शिमला में भी तैयार होगा एपल कंसंटे्रटर
पराला में प्रासेसिंग प्लांट के शुरू होने के बाद यहां पर भी एपल कंसंट्रेटर तैयार किया जाएगा। जानकारी के तहत प्लांट अत्याधुनिक मशीनों से लैस है। जिसमें फ्रूट प्रोसेसिंग की क्षमता 100 टन से अधिक रहेगी।