विशेष संवाददाता : शिमला
हिमाचल प्रदेश में लोगों को मिलने वाली इमारती लकड़ी के दाम बढ़ गए हैं। फॉरेस्ट प्रोडयूस रेगूलेशन एंड ट्रेड एक्ट 1982 के तहत प्राइवेट फॉरेस्ट प्रोडयूस के दामों में इजाफा किया गया है। यानी निजी भूमि पर उगे पेड़ों की लकड़़ी अब पहले से ज्यादा दाम पर मिलेगी, जिसके लिए सरकार की ओर से बाकायदा अधिसूचना जारी की गई है। लकड़ी के दाम के साथ-साथ विभाग ने हैंडलिंग चार्ज भी बढ़ा दिया है। खासतौर पर देवदार व कायल की लकड़ी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। सीमेंट, सरिया व ईंटों के साथ-साथ अन्य निर्माण सामग्री के बाद इमारती लकड़ी की कीमतें बढऩे से प्रदेश में घर बनाना अब आसान नहीं होगा।
समूचे प्रदेश में देवदार, कायल व अन्य प्रजातियों की लकड़ी की कीमत में 15 फीसदी का इजाफा किया गया है। चंबा जिला में देवदार की लकड़ी में 23 व कायल की कीमत में 20 फीसदी का इजाफा वन विकास निगम ने कर दिया है। इसी तरह बीते साल तय कीमतों में 9 से 10 फीसदी तक हैंडलिंग चार्ज तय थे। मगर इस बार हैंडलिंग चार्ज भी 9 से 12 फीसदी तय किए गए हैं। विभाग ने इस साल चंबा जिला में देवदार की लकड़ी की प्रति घन मीटर कीमत 10259 रुपये तय की है। बीते साल प्रति घन मीटर देवदार की कीमत 8341 रुपये तय थी। राजगढ़ में इस साल देवदार की कीमत 10337 रुपये प्रति घन मीटर तय हुई है।
बीते साल राजगढ़ में 8989 प्रति घन मीटर तय की गई थी। इसी तरह बीते साल चंबा में प्रति घन मीटर कायल की कीमत 4517 रुपये के मुकाबले इस साल 5420 रुपये तय की गई है। अन्य जिलों में भी कमोवेश यही स्थिति है। यह खड़े पेड़ों का रेट लगाया गया है। देवदार व कायल की लकड़ी का उपयोग लोग घर बनाने में करते हैं। इन दोनों लकड़ी की कीमत बढऩे से साफ है कि घर बनाने के लिए या तो लोगों को अधिक रकम खर्च करनी होगी अन्यथा उन्हें इन दोनों लकड़ी के विकल्प के तौर पर दूसरी लकड़ी खरीदनी होगी।
फर, चीड़, साल और ओक की बढ़ाई कीमतें
मंडी में देवदार की लकड़ी 9592 रुपये प्रति घन मीटर के हिसाब से मिलेगी जबकि कायल की लकड़ी 5992 रुपये। वन विकास निगम ने फर, चीड़, साल, सैन व ओक की कीमतें भी बढ़ाई हैं। अब नई दरों से ही लोगों को लकड़ी मिल सकेगी। निजी भूमि पर लगे वनों की लकड़ी की दरें बढ़ाए जाने को लेकर काफी समय से प्रस्ताव गया था। अब अधिसूचना जारी होने के बाद लोगों को महंगे दाम लगेंगे तो वहीं लकड़ी बेचने वालों की कमाई भी बढ़ेगी।