शिमला :
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में लोगों की सुविधा के लिए पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए बुधवार को प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा इस बहुमंजिला पार्किंग का शिलान्यास किया। गौरतलब है कि इस बहुमंजिला पार्किंग के लिए शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 32 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण होगा।
साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा न्यूओपीडी के लिए बनने वाले लिंक रोड का भी शिलान्यास किया गया। इस पार्किंग के बनने से अस्पताल में आने वाले लोगों को गाड़ी पार्क करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस लिंक रोड के माध्यम से कार्ट रोड से आईजीएमसी के नए ओपीडी ब्लॉक तक मरीजों को पहुंचने में आसानी होगी। इसके साथ आईजीएमसी से संजौली तक बनने वाले स्मार्ट यात्री पथ का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया। स्मार्ट यात्री पथ के लिए नगर निगम शिमला की ओर से 17.36 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। आईजीएमसी शिमला से संजौली तक सड़क के किनारे घाटी की तरफ कवर्ड फुटपाथ बनाया जा रहा है।
पार्किंग में होगी 420 वाहनों की सुविधा
आईजीएमसी के लिए बनने वाली इस पार्किंग में 420 वाहनों के लिए सुविधा उपलब्ध होगी। इससे कि अस्पताल में आने वाले लोगों को अपनी गाडिय़ां लगाने के लिए यहां वहां नहीं भटकना पड़ेगा। पहले आईजीएमसी के रिस्ट्रीक्टेड रोड पर लोगों को अपनी गाडिय़ां मजबूरी में खड़ी करनी पड़ती थी। इसके कारण कई बार लोगों के चालान हो जाते थे। इस पार्किंग के बनने से अब लोगों को निजात मिलेगी।
इससे शिमला वासियों के साथ यहां भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि इस स्मार्ट फु टपाथ में स्पीकर सुविधा वाले स्मार्ट पोल, सीसीटीवी, लाइटिंग और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इस शिलान्यास के अवसर पर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी, नगर निगम महापौर सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेंद्र चौहान, जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मेहता, सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य आरएन बत्ता, सचिव शहरी विकास सी. पालरासु, आयुक्त पंकज राय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इंट्रोवेंशनल रेडियोलॉजी 6 को जनता को होगी समर्पित
शिमला। आईजीएमसी अस्पताल में इंट्रोवेंशनल रेडियोलॉजी मशीन अब जनता को समर्पित की जाएगी। इसका उद्घाटन हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 6 जनवरी को किया जाएगा। इंट्रोवेंशनल रेडियोलॉजी मशीन अस्पताल में 9 करोड़ की लागत से लगाई गई है। पहले मरीजों को एमआरआई, सीटी स्के न करवाने के लिए अलग-अलग जगह दौड़ भाग करनी पड़ती थी। इस मशीन के लगने से लोगों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। एक ही जगह पर इंट्रोवेंशनल रेडियोलॉजी मशीन के जरिए लोगों की नसों की ब्लॉकेज का इलाज हो जाएगा। गौरतलब है कि इस डीएसए मशीन से ब्रेन से लेकर पैर की हर एक नस में किसी भी बीमारी की जांच की जा सकती है।