इन्वेस्टर मीट पर हुई चर्चा का जवाब आंकड़ों के साथ दिया मुख्यमंत्री ने , बोले, राज्य सरकार के केवल 12 करोड़ खर्च हुए राज्यों में सबसे, कम : कांग्रेस विधायक नहीं शामिल हुए चर्चा में, बोले सरकार के दावे झूठे
राजेश कुमार। तपोवन : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इन्वेस्टर मीट पर कांग्रेस की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब सदन में दिया। हालांकि इस चर्चा में विपक्ष शामिल नहीं हुआ। सीएम ने कहा कि जितने कांगे्रेस ने पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र की मिट्टी खोदने में फूंके थे, उससे कम में हमने ग्लोबल इन्वेस्टर मीट कर ली।
सीएम ने कहा कि इस मीट पर राज्य सरकार का शुद्ध खर्चा महज 12 करोड़ है। करीब इतनी ही राशि केंद्र सरकार ने दी है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि हमारी सरकार ने सभी राज्यों में सबसे कम खर्च में इन्वेस्टर मीट की है। जयराम ठाकुर ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट के माध्यम से निवेश पर यदि विपक्ष गंभीर होता तो सदन में रहता और अपनी बात रखता और अपने सुझाव देता। राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को भ्रमित करना शायद विपक्ष की आदत हो गई है।
सीएम ने कहा कि हमारे अच्छे कार्य से विपक्ष के मित्रों को परेशानी हो रही है। हमें आगे बढऩे के लिए दूसरों का इंतजार नहीं करना है, बल्कि आगे बढऩे के लिए कदम उठाना है। इन्वेस्टर्स मीट के हमारे प्रयास से विपक्ष बौखलाया हुआ है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें भविष्य में परेशानी हो सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जितने पैसे नेता प्रतिपक्ष ने बतौर उद्योग मंत्री अपने चुनाव क्षेत्र के पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र में मिट्टी खोदने में ही करोड़ों लगा दिए, लेकिन हमने इससे कम में प्रधानमंत्री को बुलाकर इन्वेस्टर मीट की। इससे पहले इस चर्चा में विधायक बलबीर सिंह, नरेंद्र बरागटा, होशियार सिंह, राकेश जमवाल, किशोरी लाल और राकेश पठानिया ने चर्चा में भाग लिया। सीएम ने कहा कि बिना कदम उठाए हम आगे नहीं बढ़ सकते और न ही मंजिल हासिल कर सकते हैं।
हमने इन्वेस्टर मीट को लेकर होमवर्क किया और स्टडी किया तब जाकर एक साल की तैयारी बाद नए इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए यह इवेंट करवाया। हालांकि इस चर्चा में विपक्ष शामिल नहीं हुआ और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन से बाहर कहा कि सरकार झूठे आंकड़े पेश कर रही है। विपक्ष श्वेत पत्र की मांग कर रहा है, जो सदन के पटल पर रखा जाना चाहिए।
मीट पर कई कांग्रेस नेताओं ने दी है बधाई
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को राजनीति करने के लिए और भी जगहें हैं। विपक्ष जहां इन्वेस्टर्स मीट पर सवाल उठा रहा है, वहीं कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इस आयोजन के लिए बधाई दी है, क्योंकि वो भी जानते हैं कि बढ़ती बेरोजगारी के बीच यह समय की मांग है, क्योंकि निवेश आने से रोजगार बढ़ेगा।
ये है इन्वेस्टर मीट के खर्चे का हिसाब
सीएम ने कहा कि इस मीट पर करीब 23-24 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। इसमें से आधा खर्च केंद्र सरकार वहन कर रही है। उत्तराखंड में लगभग 35 करोड़, झारखंड में 68 करोड़ मीट पर खर्च हुए थे। यूपी में खर्चा इससे भी ज्यादा हुआ है। वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने हमें 10 करोड़ दिये हैं। पर्यटन मंत्रालय से एक करोड़ मिल रहे हैं, जबकि विदेश मंत्रालय 10 लाख रुपये दे रहा है।