जोगिंदर नगर, अमित सूद।
इलेक्ट्रिसिटी ऑफ़ एशिया के नाम से विख्यात बिजली शहर जोगिन्दर नगर आज मात्र अखवारो की सुर्खियों और सामान्य ज्ञान की किताबो तक ही सिमित होकर रह गया है। ये कहना है अधिवक्ता रजनीश भारती का। भारती में कहा कि सभी को रोशनी बांटने वाला जोगिंदर नगर शहर आज खुद रोशनी की आस लिए चिराग तले अंधेरे की कहावत को सच साबित कर रहा है। उन्होंने कहा कि 1932 में बने शानन पॉवर हाउस जिसकी वजह से जोगिंदरनगर को इलेक्ट्रिक सिटी ऑफ़ एशिया के तमगे से नवाज़ा था आज रोशनी की आस लिए अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहा है । आम जन-मानस के मन में तो यह लालसा थी की हमारे बिजली घर हमें निरंतर बिना कट लगे कम कीमत की दरों में बिजली मुहैया करवाएंगे मगर ये एक कहावत ही रही।
जोगिंदरनगर के विधुत घर और जोगिंदरनगर का बिजली विभाग पिछले 3 दशकों से क्या कर रहा यह सोचने और विचार करने की बात है। अधिवक्ता भारती का कहना है कि वो वार्ड नंबर 2 नगर पंचायत जोगिंदरनगर के स्थाई निवासी है। यहां बीते 3 दशकों से बिजली की सप्लाई ठप्प पड़ी है। हर सुबह शाम बिजली विभाग के कर्मचारी ट्रांसफार्मो के निचे खड़े उसे घेरे नज़र आते हैं। आज भी बिजली विभाग के पास न तो उमदा स्टाफ है न तो सुलझे हुए कारीगर है और न ही विभाग में अच्छे आफिसर हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के जेई एस.डी.ओ. और न ही कभी एक्स-इन को मौके में और नहीं तो स्थानीय लोगो से उनकी समस्यायों से रूबरू होते कभी देखा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जनता को बिजली की जल्द से जल्द सही आपूर्ति निश्चित की जाए।