हिमाचल दस्तक। पधर
पधर उपमंडल के सुराहण गांव में चार वर्ष बाद मनाया जाने वाला काहिका उत्सव चौहारघाटी के देवाधिदेव हुरंग नारायण के आगमन से शुरू हुआ।
आराध्य देव हुरंग नारायण ने घोघरधार स्थित नारायण खुह की परिक्रमा कर देव समाज से जुड़े इस धार्मिक उत्सव का विधिवत आगाज किया।
इस दौरान घोघरधार की वादियां देवता के वाद्य यंत्रों की सुरीली ध्वनि से गुंजायमान हो उठी। देवता के गुर द्वारा देवखेल के माध्यम से नारायण खुह में पूजा-अर्चना की गई।
इस दौरान घोघरधार की वादियों में गहरी धुंध छाई रही। पूजा अर्चना के बाद डायनापार्क और हिमरीगंगा होते हुए देवता अपने देवलुओं कारदारों समेत लव लश्कर सहित सुराहण गांव पहुंचे, जहां पधर क्षेत्र के अधिष्ठाता देव सूत्रधारी ब्रह्मा के कारदारों और बजंतरियों द्वारा देव हुरंग नारायण का भव्य स्वागत किया गया।
देव हुरंग नारायण रात्रि को सुराहण गांव में अपने मंदिर में विराजमान हुए। वहीं काहिका उत्सव में विशेष भूमिका निभाने वाला नड़ परिवार भी जोगेंद्रनगर के हरबाग से नंगे पांव पैदल चलकर सुराहण गांव पहुंचा।
वीरवार को काहिका स्थल में देव हुरंग नारायण अपने कारदारों के साथ स्वयं नड़ वेद सजाएंगे, जिसके लिए फुटाखल जंगल से देवदार की चार शाखाएं लाई गई हैं।
नड़वेद सजाने के बाद नड़ परिवार द्वारा सबसे पहले देव हुरंग नारायण का छिद्रा करवाया जाएगा। उसके बाद आमजनमानस का छिद्रा करवाने की अनुमति मिलेगी।
शुक्रवार को नड़रगड़ा रस्म अदा की जाएगी। यह रस्म नड़ और देवता दोनों के लिए अग्निपरीक्षा होगी। उत्सव के बीच मूर्छित हो जाने बाद नड़ को दैवीय शक्ति से जिंदा किया जाएगा। काहिका उत्सव में इस बार देव कारज की महज रस्में की जाएगी।
कोरोना के चलते कोई भीड़ इकठ्ठा नही होगी। इसके लिए उपमंडल प्रशासन ने दोनों मुख्य प्रवेश द्वारों में पुलिस बल भी तैनात किया है।
देव समिति अध्यक्ष लेख राम ठाकुर ने लोगों से आह्वान किया है कि बेवजह भीड़ जुटाने से परहेज करें। देवता के साथ आवश्यक कार्य को लेकर ही हाजिरी भरें।