दिनेश कुमार। करसोग
पर्यावरण को हो रहे नुकसान में मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से भी वन विभाग कोई सबक नहीं ले रहा है। इसका बड़ा उदाहरण उपमंडल का गडारी और आसपास क्षेत्रों में धू-धू कर जल रहे जंगल हैं। यहां पिछले करीब 36 घंटों से जंगल में आग की लपटें उठ रही हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि करसोग वन मंडल के अधिकारियों को इसकी खबर तक नहीं है।
ऐसे में आग को बुझाने के अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए। जंगल में लगी भीषण आग की वजह से पूरे पहाड़ पर चारों ओर धुआं फैल गया है। इससे लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। यही नहीं जंगल में लगी आग फैल कर घासनियों और घरों के करीब पहुंच गई है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए ग्रामीण खुद ही आग बुझाने के प्रयास में लगे हैं।
इस बारे में जब संबंधित बीओ को संपर्क किया गया तो मोबाइल नंबर स्विच ऑफ था। ऐसे में लोग फील्ड अधिकारी को आग लगने की सूचना भी नहीं दे सके। हैरानी की बात है कि करसोग उपमंडल के तहत रोजाना जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। सर्दियों के मौसम में ही अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं। इसके बाद भी आगजनी की घटनाओं को लेकर वन विभाग गंभीर नहीं है।
इस लापरवाही के गंभीर परिणाम बेमौसम गर्मी और बरसात, सर्दियों में सूखा पड़ने से फरवरी महीने में ही पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचने के रूप में सामने आ रहे हैं। ऐसे में मौसम में हो रहे कष्टकारी बदलाव के लिए जंगलों में लगने वाली आग से पर्यावरण को हो रहा नुकसान भी एक बड़ा कारण है, लेकिन वन विभाग की ओर से इस गंभीर समस्या के निराकरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है, जिसके अब आने वाले दिनों में और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पर्यावरण प्रेमी एवम सोशल वर्कर सुलोचना का कहना है कि करसोग क्षेत्र में बहुत से जगंलों को आग लगने से नुकसान हुआ है। गडारी क्षेत्र में भी पिछले 2 दिनों से आग लगी है। वन विभाग को आग पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
वन विभाग के रेंज ऑफिसर गोपाल चौहान का कहना है कि आग बुझाने के लिए फील्ड अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से आदेश दिए जा रहे हैं।
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