हिमाचल दस्तक। किन्नौर
किन्नौर जिले के निगुलसरी में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद मलबे में फंसे लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए अभियान वीरवार सुबह फिर शुरू हुआ। इस दौरान 4 और शव बरामद हुए हैं। इस आपदा में मरने वालों की संख्या अब 14 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि बचाव कार्य शुरू करने के बाद भूस्खलन स्थल से 4 और शव बरामद हुए हैं। अभी तक 14 शव बरामद हो चुके हैं। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में एचआरटीसी की एक बस भी दब गई थी। बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है जबकि एक बोलरो वाहन अब भी मलबे में दबा है।
निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर बुधवार को दोपहर को भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में एचआरटीसी की एक बस आ गई थी, जो रिकांगपिओ से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि वीरवार सुबह 6 बजे बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) संयुक्त रूप से बचाव अभियान चला रहे हैं।
अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 10 बजे तलाश अभियान स्थगित कर दिया था। बुधवार को 10 लोगों के शव मिले थे तथा 13 घायलों को बचा लिया गया था, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। भावनगर के थाना प्रभारी ने बुधवार को कहा था कि करीब
25 से 30 लोग मलबे में दबे हुए हैं।
प्रारंभिक जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य विधानसभा को बताया था कि मलबे के नीचे 50-60 लोगों के फंसे होने की आशंका है, लेकिन उचित संख्या का पता नहीं चल पाया है।
किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान बुधवार
को एक टाटा सूमो भी मिली थी, जिसमें 8 लोग मृत मिले।
पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया। उसके चालक का शव बरामद हो गया है। एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है।