शैलेश सैनी। नाहन
जिला सिरमौर बागवानी मिशन में लगभग पूरी तरह से पिछड़ चुका है। पिछले लगभग कुछ महीनों से जिला सिरमौर हॉर्टिकल्चर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगते नजर आ रहे हैं।उधर पीच वैली के नाम से एशिया में विख्यात राजगढ़ का बागवान इस बार बेहाल है। बेमौसम की बारिश और भारी ओलावृष्टि के चलते इस बीच वाली के बागवानी और किसानों की करोड़ों की फसल तबाह हो गई है।
तूफान और ओलावृष्टि के कारण सबसे ज्यादा नुकसान पालम खुमानी और आलू की फसल को पहुंचा है। किसानों का कहना है कि पहले तो विभाग की ओर से भी बाकायदा किसानों और बाघ वालों को सरकारी योजनाओं की जानकारियां दी जाती थी। मगर बीते कुछ महीनों से विभाग की गतिविधियां भी किसानों को लेकर कहीं नजर नहीं आ रही है।
राजगढ़ वैली के भगवानों का कहना है कि उनके बगीचे का अधिकतर फल तूफान में झड़ गया है और जो बचा था उस पर भारी ओलावृष्टि के चलते दाग लग गया है। उन्होंने बताया कि दाग लगा हुआ फल बाजार में कीमत नहीं दे पाता है। किसानों का आरोप है कि इतना भारी नुकसान होने के बावजूद ना तो स्थानीय विधायक ने और ना ही विभाग के किसी अधिकारी ने उनकी खबर ली है। जिसको लेकर क्षेत्र का किसान और बागवान काफी नाराज भी है।
किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि के चलते टमाटर और मटर की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने पच्छाद की विधायक पर भी किसानों और भगवानों की अनदेखी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि विधायक की वर्चुअल मीटिंग ही खत्म नहीं होती तो स्थानीय जनता की क्या खबर लेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला सिरमौर में बागवानी मिशन पूरी तरह से फ्लॉप साबित होना शुरू हो चुका है। जबकि पूर्व वर्ष से पहले सिरमौर में बागवानी को लेकर काफी उम्मीदें भी बनी थी। मगर अब विभाग की लापरवाही और अनदेखी के चलते जिला में बागवानी को लेकर कोई गतिविधि नहीं हो रही है।
हालांकि इस बाबत हॉर्टिकल्चर उपनिदेशक जिला सिरमौर से पिछले 3 दिनों से लगातार बात करने की कोशिश की गई। तो साहब अक्षर मीटिंग में व्यस्त नजर आए। जिसके बाद निदेशक हॉर्टिकल्चर जेपी शर्मा से बातचीत की गई। निदेशक महोदय मीटिंग में भले ही मशरूफ थे मगर उन्होंने किसानों के मसले को लेकर कुछ समय मीटिंग स्थगित कर जानकारी भी दी।
उन्होंने बताया कि इस बार बेमौसम बारिश और भारी ओलावृष्टि से पूरे प्रदेश भर में मई जून के महीने में करीब 300 करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि अप्रैल माह में जिला सिरमौर के नुकसान का आंकलन 176 करोड़ का आंका गया है। जबकि मई माह में 151 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार और हॉर्टिकल्चर विभाग बागवानी और किसानों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। किसानों के नुकसान का पूरा आंकलन किया जा रहा है। कर्फ्यू के चलते कुछ प्रचार गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। बावजूद इसके विभाग पूरी तरह से किसानों और भगवानों के लिए बेहतर करें प्रयास करने में जुटा है।