जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर भाजपा के साथ मिलीभगत कर देवेन्द्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का आरोप लगाया है।
गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र से जो रिपोर्ट मिल रही है वह हौरान करने वाली है और वह बताती है कि राज्यपाल ने भाजपा के साथ मिलीभगत कर राकांपा विधायकों के हस्ताक्षरों की बिना प्रमाणिक सूची के आधार पर देवेन्द्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
राष्ट्रपति शासन के हटाए जाने की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा, महाराष्ट्र के राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर निश्चित तौर पर त्यागपत्र देना चाहिए। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा गलत मिसाल कायम कर रही है और लोकतंत्र को गलत दिशा में ले जा रही है।
उन्होंने कहा, देश में भाजपा गलत मिसाल कायम कर रही है। राष्ट्रपति शासन को सुबह पौने छह बजे हटाया गया। ऐसी क्या जरूरत थी कि इतनी सुबह राष्ट्रपति शासन हटाया गया। यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह सब छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी। शपथ सुबह दिलाई गई जबकि ऐसा दिन चढऩे पर किया जा सकता था। उन्होंने केन्द्र और भाजपा नेतृत्व से इस मामले में सफाई देने की मांग की है।
उन्होंने कहा, इस माहौल में फड़णवीस मुख्यमंत्री के रूप में कामयाब हो पाएंगे, इसमें संदेह है… मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री, दोनों ने अपराधबोध के साथ शपथ लिया है। वे सुशासन दे पाएंगे, इसमें संदेह है। इसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा। उन्होंने कहा कि सही समय पर जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। देश का लोकतंत्र खतरे में है और जनता को यह समझना होगा।