वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
हिमाचल प्रदेश के दूर दराज व ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सरकारी शिक्षा पर सवाल उठाए जाते है। वही चंबा (Chamba) जिला के चुवाड़ी क्षेत्र के कुठेड़ सरकारी स्कूल के शिक्षक आशिष बहल ने बड़ी मिसाल पेश की है। कम सुविधाओं के बावजूद स्कूल में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासरूम से लेकर टेबल कुर्सी का रंग रूप बदलकर छात्रों की रूचि अनुसार बना दिया। जिस कुठेड़ स्कूल में पहले तीन साल पहले 20 छात्रों का दाखिला भी मुश्किल से होता था, वहां आज 80 छात्र प्राईमरी में शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
आशिष बहल न केवल सरकारी स्कूल को प्राईवेट व कॉन्वेट की तरह बनाया बल्कि यहां छात्रों को पढ़ाने का तरिका भी खेल – खेल में रखा है। गेम के जरिए छात्रों को समझाया व पढ़ाया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि अब इस सरकारी स्कूल में न केवल स्थानीय लोगों के बच्चे पढ़ रहे है, बल्कि क्षेत्र के सरकारी नौकरियों में अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चों के दाखिले भी इसी स्कूल में हो रहे है। समग्र शिक्षा विभाग ने मंगलवार को चुवाड़ी के कुठेड़ प्राथमिक स्कूल के शिक्षक आशिष बहल की प्रेजेनटैंशन मिडिया के समक्ष रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि उक्त शिक्षक को प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में भी इसकी प्रेजेनटैंशन रखी जाएगी।
कुठेड़ सरकारी स्कूल में कम सुविधाओं में स्मार्ट स्टडी
समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में समग्र शिक्षा द्वारा प्रयास किए जा रहे है। वहीं शिक्षक भी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देने में बड़ा योगदान दे रहे हैं। ऐसा ही एक स्कूल चंबा के चुवाड़ी का कुठेड़ प्राइमरी स्कूल है जहां आशीष बहल नामक एक जेबीटी शिक्षक बच्चों को एक्सीपिरियंशल लर्निंग सिखा रहे हैं। इसका नतीजा है कि सरकारी विभागों के कर्मचारी भी निजी स्कूल की बजाए इस स्कूल में बच्चों को दाखिल करवा रहे है। पिछले तीन सालों में यहां बच्चों की संख्या 20 से 80 हो गई है। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा का प्रयास निजी स्कूलों से बच्चों को सरकारी स्कूलों में लाने का है