वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) मल्टी डिग्रियों को लेकर तैयार होने लगा है। अगले वर्ष से एचपीयू में यूजी व पीजी करने वाले छात्र एक साथ डिग्री व कोर्सिंस कर पाएंगे। यानि कि बीए के साथ छात्र बीकॉम व बीएससी जैसे विषयों को भी पढ़ सकता है। इस बाबत प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी है। वहीं जानना चाहा है कि मल्टी डिग्री करने के लिए विश्वविद्यालय कितना तैयार है। इसके साथ ही कॉलेज प्रीसिंपल को भी आदेश दिए गए है कि वो मल्टी डिग्रियों के लिए व्यवस्थाएं व सुविधाएं छात्रों तक पहुंचाए।
आपको बता दे तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने हाल ही में दो डिग्री पाठ्यक्रम एक साथ पढऩे की अनुमति दी है। इसके साथ ही यूजीसी ने दो डिग्री एक साथ करने संबंधी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर जारी दिशा-निर्देशों के तहत छात्र इसी सत्र से दो डिग्री कार्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं। हांलाकि एचपीयू की अभी पूरी तैयारी न होने के चलते मल्टी डिग्रियों का मामला अगले सत्र के लिए जा सकता है। यूजीसी की घोषणा के अनुसार, कोई भी विद्यार्थी अपनी रूचि के आधार पर दो अलग-अलग पाठ्यक्रमों को चुनकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। हालांकि, दो डिग्री एक साथ करने के संबंध में विद्यार्थियों के मन में कई सवाल उठ रहे होंगे।
यूजीसी की ओर से जारी, दिशा-निर्देशों के अनुसार, ये दोनों डिग्री कार्यक्रम हो सकते हैं, या एक डिग्री और एक डिप्लोमा कार्यक्रम भी हो सकता है। इतना ही नहीं, यूजीसी की ओर से कहा गया है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बताए गए उद्देश्यों के साथ विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में कई विकल्प उपलब्ध करवाए जाने का प्रयास जारी है।
चाहे वे ऑनलाइन आधारित हो या ऑफलाइन मोड में। वहीं, कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो बीएससी साइंस या बीकॉम करते हैं और इतिहास में उनकी रूचि रहती है, तो वे अब अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बीए, बीएसएसी या बीकॉम भी कर सकते हैं। इससे समय की बचत होगी। गौर हो कि कोरोना काल के बाद से ऑनलाइन शिक्षा पाठ्यक्रमों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके तहत विद्यार्थी दो फिजिकल डिग्री प्रोग्राम में एक साथ दाखिला ले सकते हैं। लेकिन दोनों की क्लास की टाइमिंग अलग-अलग हो।
वहीं, अन्य विकल्पों में वन फिजिकल मोड एंड अदर इन ओपन डिस्टेंस मोड भी है। यानी कि विद्यार्थी एक विश्वविद्यालय से ऑफलाइन मोड में पढ़ाई करे तो दूसरे से दूरस्थ शिक्षा माध्यम से भी पढ़ाई कर पाएंगे। फिलहाल अब यूजीसी के आदेशों के बाद एचपीयू ने मल्टी डिग्रियों पर काम करना शुरू कर दिया है। विभागीय जानकारी के अनुसार अगर कॉलेज व विभागाध्यक्षों से मल्टी डिग्री शुरू करने पर सहमति जताई जाती है तो इसी सत्र से शुरू किया जाएगा। हांलाकि एचपीयू ने साफ किया है कि इसी साल कॉलेज विश्वविद्यालयों को छूट होगी। अगले शैक्षणिक सत्र से संस्थानों को मल्टी डिग्री की व्यवस्था हर हालत में करनी होगी।
पाठ्यक्रमों में नहीं होगा अंतर
खास बात यह है कि दोनों पाठ्यक्रमों की डिग्री में कोई विशेष अंतर नहीं होगा। डिग्री पहले की तरह समान तौर पर स्वीकार की जाएगी। बस पहले आप एक कॉलेज या यूनिवर्सिटी से एक कोर्स कर पाते थे। अब दो कॉलेज या दो यूनिवर्सिटी से दो कोर्स साथ-साथ कर सकते हैं। यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को दो डिग्री करने की छूट दे दी है।
दो डिग्री कोर्स में इस तरह से होगी हाजिरी मैनेज
दो डिग्री पाठ्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में हो सकते हैं। इसलिए, इनकी अटेंडेंस के बारे में विश्वविद्यालय अपने स्तर पर नियम तय कर सकते हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को इस बाबत छूट प्रदान कर दी है