शिमला:
राज्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक बटालियन को स्वीकृति मिल गई है। सरकार की इस नई योजना के तहत हर जिला में पंचायत स्तर पर सुरक्षित भवनों के निर्माण को राज मिस्त्री तैयार किए जाएंगे। भूकंप, भू-स्खलन सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए इन्हें बाकायदा सरकारी स्तर पर ही प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस बारे सभी जिलों को सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। योजना के तहत हर पंचायत में कम से कम पांच राज मिस्त्रियों को सुरक्षित भवन निर्माण के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बढ़ई, कारपेंटर तथा शलाका बांधने बार बाइंडर वाले कारीगरों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। इसका उदाहरण 1905 को आए भूकंप से ही देखा जा सकता है, क्योंकि उस दौरान राज्य भी खासा जान माल का नुकसान राज्य उठा चुका है।
आदेशों के तहत जिलों के संबंधित एसडीएम इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का पर्यवेक्षण करेंगे। इन राज मिस्त्रियों, बढ़ई व शलाका बांधने वाले कारीगरों को चिह्नित करने का कार्य बीडीओ के माध्यम से होगा। इसके लिए उन्हें चिह्नित कारीगरों की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी आधार पर इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु होगा । आपदा में जोखिम सहने की दृष्टि से भवन निर्माण शैली को सुदृढ़ किया जा सकेगा। प्रशिक्षण कार्य जिला स्तर पर गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से प्रदान किया जा सकेगा।
सरकार की यह नई योजना है, जिसके आदेश मिल गए हैं। योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के उपरांत आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत में ऐसे कम से कम पांच प्रशिक्षित राज मिस्त्री, बढ़ई व शलाका बांधने वाले कारीगर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि पूरे जिला में प्राकृतिक आपदाओं के खतरों के अनुरूप सुरक्षित भवन निर्माण कार्य सुनिश्चित किया जा सके।
-डीसी राणा, निदेशक आपदा प्रबंधन