जयपुर (भाषा): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट को लेकर मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पूरी तरह विफल करार देते हुए शनिवार को पूछा कि यह आर्थिक मंदी नहीं तो क्या है? गहलोत ने ट्वीट किया है, मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई जो कि बीते छह साल में निचले स्तर पर है।
लगातार पांचवीं तिमाही में इस तरह की गिरावट दर्ज की गई है। गहलोत ने हैशटैग जीडीपी के बुरे दिन के साथ लिखा है, अगर यह आर्थिक मंदी नहीं तो यह क्या है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को वृद्धि दर संबंधी आंकड़े जारी किए जिनके अनुसार जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई।
गहलोत ने लिखा है, राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीनों को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर पूरी तरह विफलता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जीडीपी नीचे आ रही है, अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में गिरावट है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था तबाह कर दी गई और बेरोजगारी बढ़ रही है।
उससे भी बदतर यह है कि वे यह मान ही नहीं रहे कि उनकी गलत नीतियां अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट कर रही हैं। गहलोत के अनुसार केंद्र सरकार अर्थव्यस्था के प्रबंधन के मामले में विशेषज्ञों की राय भी नहीं लेना चाहती। उन्होंने ट्वीट में कहा है, उनके पास ज्ञान की कमी है और विशेषज्ञों की सलाह वे ले नहीं रहे।
आस्तियां बेचना और मुद्रा भंडार को खाली करना ही उनके पास अर्थव्यवस्था के प्रबंधन का एकमात्र उपाय दिखता है। ऐसे में भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के उनके दावों पर कौन विश्वास करेगा। मुख्यमंत्री के अनुसार नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आगाह किया था कि इससे जीडीपी में दो प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है और उनकी चेतावनी सही साबित हो रही है।