हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
शहरी निकायों और पंचायती राज चुनाव के बाद अब राज्य में नगर निगम चुनाव का डंका बजने वाला है। इन शहरों में वोटर लिस्ट अपडेशन के साथ ही एक ओर जहां चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा धर्मशाला में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में चार नगर निगमों में होने वाली चुनावों के लिए रणनीति बनाएगी।
ये चुनाव शिमला नगर निगम को छोड़कर बाकी 4 में होगा। इसमें धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन शामिल हैं। शिमला में चुनाव अलग शेड्यूल के अनुसार होते हैं। चार निगमों में से भी धर्मशाला को छोड़ बाकी सभी को नगर परिषद से हाल ही में नगर निगम बनाया गया है। धर्मशाला नगर निगम में इससे पहले कांगे्रस का कब्जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा ने 17 से 19 फरवरी तक धर्मशाला में ही प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखी है।
इन चुनावों से पहले ये भी लगभगत तय हो गया है कि नगर निगम चुनाव न तो प्रत्यक्ष रूप से होंगे और न ही पार्टी सिंबल पर। शिमला नगर निगम में एक बार प्रत्यक्ष चुनाव धूमल सरकार में हुए थे, जिसमें पार्षद न होने के बावजूद माकपा के मेयर और डिप्टी मेयर बन गए थे। ये गलती सरकार दोबारा नहीं करना चाहती। दूसरी ओर पार्टी सिंबल पर चुनाव के पक्ष में भी सरकार नहीं है। पार्टी सिंबल से करवाने पर सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि फिर साथ ही एंटी डिफेक्शन लॉ लागू होगा और ऐसा करने के लिए कानून फिर से बदलना होगा। इसलिए इस मसले पर भी सरकार शायद ही आगे बढ़े।
स्वर्णिम रथयात्रा में भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी
भाजपा सरकार प्रदेश के 50 साल पर स्वर्णिम हिमाचल रथयात्रा निकाल रही है। संभवत: फरवरी में ये यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी मिलेगी। हालांकि ये यात्रा सरकार की होगी। इसमें राज्य सरकार के 3 साल की उपलब्धियों के साथ राज्य के पचास साल के सफर को भी दिखाया जाएगा।