हिमाचल दस्तक ब्यूरो। नाहन
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम सरकार की लाचारी के आगे बेबस हो गया है। हिमाचल प्रदेश के करीब 7000 एचआरटीसी कर्मचारियों को इस महीने का वेतन नहीं मिल पाया है।
हैरानी तो इस बात की है कि कोरोना के सबसे खतरनाक दौर से गुजर रहे इन एचआरटीसी कर्मियों को जहां सीधे-सीधे कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है, वहीँ इनकी सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं। 24 घंटे लंबी दूरी तय करने वाले चालकों-परिचालकों को हर वक्त कोरोना संक्रमित होने का भय बना रहता है।
कई ऐसे रूट हैं, जहां बसों की संख्या कम है, बावजूद इसके बसों में सोशल डिस्टेंस मेंटेन हो पाना बड़ा मुश्किल कार्य है। परिचालक को टिकट काटने के दौरान सवारियों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। बावजूद इसके न तो इनको कोई सुरक्षा किट दी गई है और न ही इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी की गई है।
हालात तो इस कद्र बदतर हो चुके हैं कि इन कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। बावजूद इसके एक सच्चे योद्धा की तरह यह अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं।
उधर चालक-परिचालक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखराम ने बताया कि एचआरटीसी कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि न केवल एचआरटीसी बल्कि सरकार के लिए भी बड़ा कठिन परीक्षा का समय है।
एचआरटीसी कर्मचारी सरकार के साथ हर वक्त खड़ा है मगर बिना वेतन के परिवार की गुजर-बसर कर पाना बड़ा मुश्किल है। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाए ताकि परिवहन व्यवस्था सुचारू बनी रहे।