शैलेश सैनी। नाहन
जिला मुख्यालय नाहन में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट को लेकर मेडिकल कॉलेज में पॉजिटिव आई महिला ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हैं। वजह है होमगार्ड में काम करने वाली जवान पार्वती देवी की रिपोर्ट पहले पॉजिटिव और बाद में नेगेटिव आना।
जानकारी के अनुसार महिला का कहना है कि श्री त्रिलोकपुर में विभाग द्वारा उनका कोरोना टेस्ट किया गया था। पार्वती का कहना है कि 20 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज नाहन में यह रिपोर्ट भिजवाई गई थी। पार्वती उस समय सन्न रह गई जब उसने देखा कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
पार्वती का कहना है कि उसमें कोरोना के किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं हैं। अपने इस संशय को दूर करने के लिए वह नाहन के ही निजी साईं अस्पताल में टेस्ट करवाने के लिए गई। वीरवार को टेस्ट करवाने के बाद जो रिपोर्ट आई उसमें वह नेगेटिव आई। नेगेटिव रिपोर्ट लेने के बाद महिला अपने पति व बच्चे के साथ मेडिकल कॉलेज से जवाब मांगने गई।
बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में महिला करीब 1 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक लोगों के बीच में रही। महिला ने नाहन मेडिकल कॉलेज की टेस्ट रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए लापरवाही का आरोप लगाया। उधर मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ. श्याम कौशिक का कहना है कि आरटी-पीसीआर पद्धति से की गई कोरोना की रिपोर्ट फाइनल रिपोर्ट होती है। उनका कहना है कि महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
डॉ. श्याम कौशिक का कहना है कि वह अपनी लैब से आई रिपोर्ट को पीजीआई की रिपोर्ट से क्रॉस चेक भी करते हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के द्वारा जो आरटी-पीसीआर पद्धति से कोरोना रिपोर्ट आई है वह सही है। उनका कहना है कि जब महिला पॉजिटिव रिपोर्ट आ चुकी है तो उसे खुद को घर पर आइसोलेट करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज निजी अस्पताल द्वारा आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपने अस्पताल से दिए जाने को लेकर जांच करवाएंगे। यही नहीं मेडिकल कॉलेज की टेस्ट रिपोर्ट के बाद पॉजिटिव महिला के नहान मेडिकल कॉलेज में घूमने को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएंगे।
उधर साईं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डिप्टी एमएस डॉ. प्रमोद का कहना है कि हमारे पास आरटी-पीसीआर की सुविधा नहीं है। हमारे पास आईसीएमआर अप्रूव लैबोरेट्री है। उनका कहना है कि हम आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ट्रूनट विधि से कोरोना टेस्ट करते हैं। हमने आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं दी है।
बहरहाल सवाल यह उठता है कि एक सरकारी संस्थान से उच्च गुणवत्ता के तहत हुए कोरोना टेस्ट के बाद महिला द्वारा फिर से टेस्ट करवाने को लेकर सरकारी तंत्र पर सवालिया निशान फिर से लग गए हैं।
बड़ी बात तो यह है कि टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद महिला अस्पताल में घूमती रही वह भी पति और बच्चे के साथ। इसके अलावा अस्पताल के प्रांगण में भीड़भाड़ रहती है। अब यदि पॉजिटिव महिला का संक्रमण और लोगों को भी लगा होगा तो स्थिति और भयानक हो जाएगी। ऐसे में लापरवाही को लेकर जितनी जिम्मेदार महिला है कहीं न कहीं सरकारी तंत्र भी इसके लिए जिम्मेदार है।