साहिल डढवाल। नूरपुर
हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही भारत की बेटियां अब हिमाचल प्रदेश में आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों में पुरुष बचावकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिन्दगी बचाती दिखेंगी।
इसके लिए 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ नूरपुर में महिलाओं को बाकायदा बचाव की ट्रेनिंग दी जा रही है। इन महिलाओं को इसलिए ट्रेन किया जा रहा है ताकि आपदा में फंसी महिला पीड़ितों की निजता बनी रहे।
14वीं वाहिनी एनडीआरएफ में पदस्थ सभी महिला बचाव कर्ताओं को किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान किए जाने वाले राहत एवं बचाव कार्यों के लिये तैयार किया जा रहा है। “हम किसी से कम नहीं” के हौसले के साथ 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ की महिला बचावकर्ता नूरपुर में रोप क्लाइंबिंग एवं रोप रेस्क्यू का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
प्रशिक्षण के दौरान महिला बचावकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बारे एनडीआरएफ में सर्विसिंग मेडिकल ऑफिसर मधु महाजन ने बताया कि यहां महिलाओं को 19 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें विभिन्न आपदाओं के दौरान बचाव के गुर सिखाए जा रहे हैं। मौजूदा समय मे महिलाओं को रस्सी के जरिये बचाव करना सिखाया जा रहा है।
इस बारे बटालियन कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि महिलाओं को इस बटालियन में ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पुरुषों की तरह ही इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे वह आपदा के समय पुरुष बचाव कर्ताओं के साथ बराबर कार्य कर सकें।