-
उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तैयार किया प्रोजेक्ट
-
सरकार के फैसले से प्रदेश में 10893 परिवारों को होगा लाभ
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : दुनिया की सबसे कठिन मछली मानी जाने वाली स्वर्ण महाशीर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शिमला के सुन्नी में 2.96 करोड़ की लागत से नई महाशीर हैचरी का निर्माण किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इसका एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। राज्य सरकार यहां पर इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्प प्रजनन इकाई स्थापित करेगी ताकि सरकार विलुप्त होती इस मछली का संरक्षण कर सके और लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित कर सके।
स्वर्ण महाशीर की पैदावार को बढ़ावा देने के सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में 10893 परिवारों को लाभ होगा। मत्स्य पालन विभाग के निदेशक सतपाल ने बताया कि राज्य सरकार मछली के संरक्षण को विभिन्न प्रभावी कदम उठा रही है। इनमें ऑफ सीजन के दौरान पनबिजली शक्ति से 15 प्रतिशत पानी का स्राव जारी करना और नियमित रूप से गश्त के माध्यम से मछली का संरक्षण करना आदि शामिल है।
ईको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
महाशीर सर्वश्रेष्ठ खेल मछली में से एक है, जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों से मछली पकडऩे वालों को आकर्षित करती है। यह मछली भारतीय और विदेशी खिलाडिय़ों के मनोरंजन का एक स्रोत है। इस खेल के प्रति लोगों के रुझान को और बढ़ाने के लिए सरकार इसकी पैदावार को बढ़ावा देगी।
मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बदले नियम
राज्य सरकार प्रदेश में महाशीर के कृत्रिम प्रजनन से उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसके तहत इस प्रजाति के संरक्षण के लिए ऑफ सीजन के दौरान पनबिजली प्रोजेक्टों से 15 प्रतिशत पानी छोडऩा और नियमित रूप से गश्त के माध्यम से मछली का संरक्षण करना शामिल किया गया है।
इस साल 10 से 12 हजार रिकॉर्ड उच्चतम हैचिंग की उम्मीद
प्रदेश में गोल्डन माहशीर के उत्पादन में हर साल बढ़ोतरी की जा रही है। वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य में 28700 अंडे की गोल्डन माहशीर का उत्पादन किया गया। सरकार ने इस साल महाशीर मछली हैचिंग में 10 से 12 हजार रिकॉर्ड उच्चतम हैचिंग की उम्मीद जताई है।