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मंडी निवासी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान
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मामले पर अब 6 जनवरी को होगी सुनवाई
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : अवैध खनन के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी शहर की ब्यास नदी में मिलने वाली लोहारा, कंसा और सुकेती खड्डों के 3 सप्ताह के भीतर निरीक्षण करने के आदेश दिए। ये आदेश डीसी मंडी, एसपी मंडी और जिला खनन अधिकारी मंडी को दिए गए हैं।
न्यायालय ने उक्त निरीक्षण के दौरान खनन व उद्योग विभाग, सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया। ग्राम पंचायत लोहारा, ढाबन और नगर परिषद नेरचौक के अध्यक्ष सहित संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रधानों को भी निरीक्षण के समय उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने यह आदेश जिला मंडी के सुभाष चंद द्वारा दायर एक याचिका पर दिए। याचिका में आरोप लगाया है कि मोहाल तवन 231 तहसील बल्ह जिला मंडी में 5 से अधिक वर्षों से राजस्व, पुलिस, उद्योग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से खनन माफिया द्वारा सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
खनन से पर्यावरण प्रदूषण का आकलन भी करने को कहा
न्यायालय ने निरीक्षण दल को यह पता लगाने का भी निर्देश दिया कि क्या खानों और खनिजों का कोई भी अनधिकृत उत्खनन किया गया है या नहीं। यदि ऐसा है, तो इससे क्या जल स्तर और वन भूमि या सरकारी भूमि के जलाशयों को कोई नुकसान हुआ है। अदालत ने इस तरह के अवैध और अनधिकृत खनन के कारण उक्त क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण का आकलन करने और उत्पन्न खतरे का आकलन करने के आदेश भी दिए।
कोर्ट ने लोहारा खड्ड पर कंसा चौक पर बने पुल का निरीक्षण करने के आदेश भी दिए। न्यायालय ने इन क्षेत्रों में अनधिकृत खनन को रोकने के लिए डीसी मंडी और एसपी मंडी को सभी कठोर कार्रवाइयों का सहारा लेने का निर्देश दिया। मामले पर सुनवाई 6 जनवरी के लिए निर्धारित की गई है।