हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने सरकार से यह आह्वान किया है कि उन डॉक्टरों को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएं, जिन्होंने बिलासपुर में खुलने वाले आयुर्विज्ञान संस्थान में फैकल्टी के लिए साक्षात्कार के लिए आवेदन किया है। संघ ने कहा कि हमारे चिकित्सकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।
इन चिकित्सकों ने अपनी उच्चशिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने बांड पीरियड को हिमाचल सरकार के साथ पूरा कर लिया है, यानी कि वो 5 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं। इसलिए अब वह अपने प्रदेश में खुलने वाले देश के नामचीन स्वास्थ्य संस्थान में सेवाएं देना चाहते हैं लेकिन उनको अनापति प्रमाण पत्र सरकार द्वारा जारी नहीं किए जाने से ऐसा लग रहा है कि सरकार नहीं चाहती कि हमारे चिकित्सक एम्स जैसे बड़े संस्थानों में काम करें।
जब सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारी और दूसरे विभागों के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय सरकार में दिल्ली जैसे जगहों पर कार्य कर सकते हैं, तो फिर चिकित्सकों को क्यों एम्स जैसे संस्थान जो कि प्रदेश के अंदर खुल रहा है में काम करने से रोका जा रहा है।
यह सरासर चिकित्सक के मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ प्रश्न है कि क्या वे अपने प्रदेश के लोगों को एम्स जैसे नामी संस्थान में जाकर सेवाएं नहीं दे सकते? इस से चिकित्सकों का मनोबल टूटेगा और वो नौकरी से मुंह मोडऩा शुरू कर देंगे। इसलिए संघ प्रार्थना करता है कि जो लोग अपना बांड पीरियड पूरा कर चुके हैं और वह एम्स में साक्षात्कार देने की योग्यता रख रहे हैं उन चिकित्सकों को जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।