धर्म विशेष को छूट देने का इसमें कोई प्रावधान नहीं, भेदभाव किए जाने की आशंका खारिज
नई दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव किए जाने की आशंका को खारिज किया। गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है। यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें। गृहमंत्री ने कहा कि एनआरसी में धर्म विशेष के आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग प्रक्रिया है। इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि भारत के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें।
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने पूछा था सवाल
सैयद नासिर हुसैन ने राज्यसभा में कोलकाता में दिए अमित शाह के बयान के आधार पर सवाल पूछा था। कांग्रेस सांसद ने कहा मैं सिर्फ होम मिनिस्टर से जानना चाहता हूं कि आपने कोलकाता में कहा था कुछ 5-6 धर्म के लोगों का नाम लिया था और मुसलमान का नाम नहीं लिया था। आपने कहा था कि इन सभी धर्म के लोगों को नागरिकता मिलेगी भले ही वह इललीगल तरीके से ही रह रहे हों।
भेदभाव के शिकार शरणार्थियों के लिए नागरिकता बिल
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हिंदू, बुद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। इसके लिए सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अलग से है ताकि इन शरणार्थियों को नागरिकता मिल सके। इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव का शिकार होना पड़ा था।
असम में नए सिरे से तैयार हो एनआरसी
गुवाहाटी। गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बुधवार को संसद में देश भर में एनआरसी लागू करने के एलान के बाद असम सरकार ने राज्य में भी इसे नए सिरे से तैयार कराने की मांग की है। असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि पूरे देश के साथ ही असम में भी नए सिरे से नेशनल सिटिजंस रजिस्टर तैयार किया जाना चाहिए। बता दें कि हेमंत बिस्वा शर्मा शुरुआत से ही असम में 31 अगस्त को जारी हुए एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में खामियां बताते हुए विरोध करते रहे हैं।
बंगाल में एनआरसी को कभी लागू नहीं होने देंगे
सागरदिघी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर विवादास्पद एनआरसी मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इसे कभी राज्य में लागू नहीं होने देंगे। गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार करने की कवायद किए जाने के बयान के बाद बनर्जी ने यह टिप्पणी की है।
बनर्जी ने असम में एनआरसी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए असम समझौते के तहत बताते हुए कहा कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे।