हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल प्रदेश में बारिश से नुकसान होने का सिलसिला जारी है। प्रदेश में हर दिन बारिश के कारण नुकसान हो रहा है। इसमें जानमाल का नुकसान भी शामिल है। प्रदेश के बरसात का मौसम अब तक 152 इंसानी जाने और 608 मवेशियों की जाने ले चुका है। वहीं दो लोग लापता हैं। शिमला में सबसे ज्यादा 25, कांगा में 18, मंडी में 18, सिरमौर में 16, चंबा में 15, सोलन में 15 बिलासपुर में 10, ऊना में आठ, लाहौल-स्पीति में सात औऱ किन्नौर व हमीरपुर में चार-चार लोगों की मृत्यु हुई।
इसके अलावा 608 मवेशियों की भी मौत हुई है। मानूसन में 39 पक्के और 18 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए, वहीं 216 कच्चे और 33 पक्के घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।
बरसात में सात दुकानें, चार पुल और 199 गौशालाओं को भी क्षति हुई है। बारिश के कारण प्रदेश में अब तक संपत्ति को 22418.230 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम का दौर जारी है। राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मंगलवार को बारिश हुई। राजधानी शिमला में दोपहर बाद बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। इससे मौसम ठंडा हो गया। लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में अगले चार दिन भारी बारिश होने की आशंका है। इसे देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
मौसम विभाग ने शिमला सहित 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसे लेकर ओरेंज व येलो अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी एवं मध्यपर्वतीय इलाकों के लिए 19 व 20 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट और 21 व 22 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया है। 24 जुलाई तक प्रदेश भर में मौसम के खराब रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा है कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन और पेड़ों के उखडऩे की घटनाएं होने की आशंका है। साथ ही नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ सकता है।
नूरपुर में सर्वाधिक 95 एमएम बारिश दर्ज
सुरेंद्र पॉल ने कहा कि बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिला के नूरपुर में सर्वाधिक 95 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसके अलावा नाहन में 61, देहरा.गोपीपुर में 46, घुमरूर में 44, सुजानपुर टिहरा में 38, नगरोटा सुरियां में 26 और गुलेर में 25 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। प्र्रदेश में इस बार समय से पहले 13 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। हालांकि बीच में मानसून धीमा पड़ गया था। विगत दिनों मानसून की सक्रियता की वजह से कांगड़ा जिला में मूसलाधार बारिश होने से जान-माल को व्यापक नुकसान हुआ है।