हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला:
प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच सीबीआई को सौंप दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड के अवलोकन के पश्चात ये आदेश पारित किए।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि परीक्षा में पूछे गए 100 प्रश्नों में 43 प्रश्न ऐसे थे, जो टेट परीक्षा में भी पूछे गए थे। कोर्ट का मानना था कि लाखों प्रश्न प्रतियोगी परीक्षा बैंक में होते हैं जिनमें से विभिन्न प्रश्न निकाले जा सकते थे। कोर्ट का कहना था कि यह इत्तेफाक नहीं हो सकता और लगता है कि ऐसा कर किन्ही विशेष परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा अनुमान लगाने के लिए कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है इसलिए इसकी जांच सीबीआई से करवाना न्यायोचित होगा। कोर्ट ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपते हुए उसे 8 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश भी दिए।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोल नंबर देने, प्रश्न पत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां हुई हैं, जिस कारण सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए।
सरकार घोषित कर चुकी है रिजल्ट
इस केस में गौर करने वाली बात ये है कि कोर्ट में केस होने के बावजूद राज्य सरकार इसमें रिजल्ट घोषित कर चुकी है और पास घोषित परीक्षार्थियों ने ज्वाइन भी कर लिया है। क्योंकि कोर्ट ने याचिका के बाद प्रक्रिया पर स्टे नहीं लगाया था। विज्ञापन के मुताबिक 1194 पदों पर भर्ती होनी थी। तमाम शिकायतों के नजर अंदाज करते हुए राज्य सरकार ने यह रिजल्ट घोषित किया था।