कोलकाता :
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों पर फिर से विचार करने तथा इन्हें वापस लेने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री के साथ राजभवन में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने उन्हें नई दिल्ली आकर इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा है।
बैठक के ठीक बाद बनर्जी सीएए के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल हुईं जहां उन्होंने अपना रुख दोहराया कि नए नागरिकता कानून को बंगाल में कभी भी लागू नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक को ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष बकाया वित्तीय सहायता के विषय को उठाया, जिसे राज्य को केंद्र से मिलना अभी बाकी है। उन्होंने कहा, ” यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने उन्हें 28,000 करोड़ रुपए के बारे में बताया, जो राज्य को केंद्र सरकार से मिलना अभी बाकी है।”
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ” मैंने उन्हें यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मैंने उन्हें बताया कि हम सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हैं। मैंने उनसे कहा कि वह इन मुद्दों पर फिर से विचार करें और सीएए वापस लें।” बनर्जी ने कहा, ”मैंने उनसे कहा कि जनता के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए और किसी भी नागरिक को छोडऩा या प्रताडि़त नहीं किया जाना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि केन्द्र को इन मुद्दों और सीएए को वापस लेने पर फिर से विचार करना चाहिए।”
जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने क्या जवाब दिया तो बनर्जी ने कहा, ”राज्यों से संबंधित मामले के बारे में, उन्होंने कहा कि वह दस्तावेजों और इन मुद्दों (सीएए, एनआरसी और एनपीआर) को देखेंगे। उन्होंने कहा कि वह कुछ सरकारी कार्यक्रमों के लिए आए है। इसलिए यदि कोई मौका आता है तो वह नई दिल्ली में इन विषयों पर बोलेंगे।”
इसके बाद बनर्जी ने राजभवन से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित रानी रासमणि रोड़ पर पार्टी की सीएए विरोधी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए की अधिसूचना केवल कागज तक सीमित रहेगी और इसे न तो देश में और न ही बंगाल में लागू किया जाएगा।
बनर्जी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ” सीएए अधिसूचना केवल कागज तक ही सीमित रहेगी और इसे कभी भी लागू नहीं किया जाएगा। हम सीएए लागू नहीं करेंगे…यह असंवैधानिक, अवैध और गलत है।”
केन्द्र ने शुक्रवार को एक गजट अधिसूचना में घोषणा की थी कि संशोधित नागरिकता अधिनियम 10 जनवरी से प्रभावी होगा। बनर्जी ने कहा कि जो लोग केंद्र की सत्ता में हैं, उन्हें केवल इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए कि उनके पास बहुमत (संसद में) है। उन्होंने रैली में कहा, ”जिन लोगों को अभी स्थिति को समझना बाकी है, उन्हें अब जागना होगा। अपनी आंखें खुली रखते हुए सोने का कोई मतलब नहीं है।”
प्रधानमंत्री मोदी और बनर्जी के बीच बैठक को लेकर कांग्रेस और माकपा ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है जिनमें उन्होंने कहा कि इससे अब तृणमूल कांग्रेस का ”दोहरा मापदंड” बेनकाब हो गया है। माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा, ”ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अब बेनकाब हो गए हैं। हम लंबे समय से यह कहते रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल में भाजपा की बी टीम है।”
सलीम ने कहा, ”अब यह साबित हो गया है। वह भाजपा से लडऩा नहीं चाहती, बल्कि वह राज्य में भगवा खेमे की मदद कर रही है। दोनों पार्टियों के बीच यह मैच फिक्सिंग चल रही है।” कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने भी सलीम के विचारों को दोहराया और कहा कि राज्य के लोग ”विश्वासघात करने के लिए बनर्जी को मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने ”राजनीतिक मैच-फिक्सिंग” के दावे का खंडन किया और कहा कि दोनों नेताओं के बीच बैठक दो सरकारों के बीच की बैठक थी।” राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते हुए एक बयान में कहा, ”आप कितने जुलूसों में चले हैं? आपने कितने विरोधों का नेतृत्व किया है? सोफे पर बैठकर सलाह देना बंद करे।”