राजेश कुमार / राज शर्मा। धर्मशाला
देशभर में कोरोना का संकट अभी बना हुआ है, लेकिन किसानों के हितों का केंद्र सरकार की ओर से ख्याल रखा जा रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नए बदलाव के साथ लागू की है।
इसकी सूचना भी जारी कर दी गई है। इस वर्ष योजना के तहत 15 जुलाई तक पंजीकरण हो सकेगा तथा धान व मक्की की फसल इसमें कवर होगी। योजना के तहत 600 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीमा किया जाएगा और यह बीमा बैंक सहित लोकमित्र केंद्र में हो सकेगा।
प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी की गई है। पुरानी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और इस बार की योजना की अधिसूचना में अंतर है। पहले जो किसान फसल के लिए लोन लेता था, उसके लिए यह योजना जरूरी थी और किसान का पैसा था, किसान के्रडिट कार्ड से प्रीमियम बैंक खुद काटता था, जबकि इस बार लोन लेने वाले किसानों के लिए यह योजना ऐच्छिक कर दी है कि किसान अपनी फसल का बीमा करवाना चाहता है या नहीं, जो कि मुख्य बदलाव योजना में केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। किसान अपनी फसल का बीमा बैंक द्वारा और लोकमित्र केंद्र में जाकर भी करवा सकते हैं। पिछले वर्ष लोन वाले और बिना लोन वाले 40 हजार किसानों ने फसल का बीमा करवाया था।
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक उत्तरी क्षेत्र नरेंद्र धीमान ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नए बदलाव के साथ लागू की है, जिसकी सूचना भी जारी कर दी गई है। इस वर्ष योजना के तहत 15 जुलाई तक पंजीकरण हो सकेगा तथा धान व मक्की की फसल इसमें कवर होगी। योजना के तहत 600 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीमा किया जाएगा और यह बीमा बैंक सहित लोकमित्र केंद्र में हो सकेगा।
पहले 31 जुलाई तक होता था पंजीकरण
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीकरण की तिथि पूर्व में 31 जुलाई होती थी, जबकि इस बार पंजीकरण तिथि में कटौती करते हुए अंतिम तिथि 15 जुलाई की गई है। इस बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में धान व मक्की की फसल कवर की जानी है।
इसके तहत 600 रुपये प्रति हेक्टेयर यानी 2400 रुपये प्रति कनाल के हिसाब से बीमा दर दी जाएगी और 30 हजार रुपये यदि किसान की फसल को नुकसान पहुंचता है तो एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी उसका भुगतान करेगी।