हिमचाल दस्तक। मंडी
निजी बस संचालक अपनी मांगों को लेकर सरकार से नाराज चल रहे हैं। निजी बस संचालकों ने चेताया है कि अगर उनकी मांगों को सरकार ने जल्दी पूरा नहीं किया तो वे चक्का जाम कर देंगे।
वहीं निजी बसों के चक्का जाम करने से लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है, क्योंकि जिला में वर्तमान समय में निजी बसों के 470 के करीब रूट हैं जिनमें से 160-70 के करीब रूट चल रहे हैं।
निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार के 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी से उन्हें बेहद परेशानी होगी, क्योंकि सवारियों के न होने से पहले ही निजी बसें घाटे में चल रही हैं। अभी तक निजी बस संचालक घाटे से उबर नहीं पाए हैं और अब फिर से 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी होने से उन्हें फिर से हानी उठानी पड़ेगी।
उधर निजी बस ऑपरेटर यूनियन के मंडी जिला प्रधान गुलशन दीवान ने कहा कि सरकार ने जो 50 फीसदी की ऑक्यूपेंसी बसों में की है, उससे पहले ही उनकी गाड़ियों में 20 तथा 25 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी चल रही,। जिससे बसों के खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। वहीं कर्मचारियों को पेमेंट देने के लिए भी असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार या तो पूरी तरह से लॉकडाउन लगाए या फिर ऑक्यूपेंसी बढ़ाए, क्योंकि जो स्थिति आज निजी बसों की है उससे निजी बस संचालकों को भारी नुकसान हो रहा है। कुछ बसें तो ऐसी हैं कि जिनकी इंश्योरेंस, टायर खत्म, इंजन की हालत खराब हो चुकी है. जिसमें दो से अढ़ाई लाख तक का खर्चा बस संचालकों को करना पड़ेगा। इसके लिए संचालकों के पास पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष जो मांगें निजी बस संचालकों ने रखी थीं, उसे भी सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है। हालांकि सरकार ने 25 जून, 2020 को कैबिनेट में निजी बसों के लिए दो लाख रुपये कार्य पुजी देने का फैसला लिया था, मगर उसका एक भी पैसा उन्हें नहीं मिला। निजी बस संचालकों की सरकार से मांग है कि स्पेशल रूट टैक्स, टोकन टैक्स, अड्डा पर्ची, कार्यशील पूंजी को माफ करे अन्यथा निजी बस संचालकों को मजबूरन अपनी बसें खड़ी करनी पड़ेंगी।