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पूरा टोकन टैक्स व लोन पर पूरा ब्याज माफ करने की थी मांग
रोहित शर्मा। शिमला
हिमाचल प्रदेश में बुधवार से एचआरटीसी के साथ निजी बसें भी सड़कों पर दौड़ेंगी। 3 मई से चल रही निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल अब समाप्त हो गई है। मंगलवार को निजी बस ऑपरेटरों का एक प्रतिनिधमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और केंद्रीय वित्त एवं कोर्पोरेट मंत्री अनुराग ठाकुर से मिला। इस मुलाकात के बाद निजी बस ऑपरेटरों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने बताया कि प्रतिनिमंडल ने मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री से पूरा टोकन टैक्स और वर्किंग कैपिटल में मिलने वाले लोन पर पहले दो साल का ब्याज पूरी तरह से माफ किया जाए।
राजेश पराशर का दावा है कि मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री ने उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री के आवश्वासन के बाद निजी बस ऑपरेटरों ने हड़ताल को समाप्त कर दिया है।
ऐसे में प्रदेश के सभी रूटों पर निजी बसें चलना शुरू हो जाएगी। निजी बसों के चलने से लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों हुई केबिनेट की बैठक में सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों का 8 महीने का टोकन टैक्स 50 फीसदी माफ किया था। वहीं वर्किंग केपिटल पर मिलने वाले लोन पर पहले वर्ष 75 प्रतिशत ब्याज और दूसरे वर्ष 50 प्रतिशत ब्याज सरकार की ओर से उठाने की घोषणा की थी।
इस घोषणा के बाद भी निजी बस ऑपरेटर अपनी मांगों पर अड़े हुए थे। निजी बस ऑपरेटरों का कहना था कि सरकार 50 प्रतिशत एसआरटी व टोकन टैक्स माफ करने की बजाए 100 प्रतिशत टैक्स माफ करे।
उनका कहना था कि जब उनकी बसें चली ही नहीं तो वह 50 प्रतिशत टैक्स भी क्यों अदा करे। इसके अलावा वर्किंग कैपिटल पर मिलने वाले लोन पर 2 साल तक पूरे का पूरा ब्याज माफ किया जाए। निजी बस ऑपरेटर संघ का दावा है कि अब मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री की ओर से उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है।
प्रदेश में चलती है इतनी निजी बसें
हिमाचल प्रदेश में करीब 3500 निजी बसें चलती है। निजी बसो के हड़ताल पर होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि इस दौरान एचआरटीसी की बसें मोर्चा संभाले हुए थी, लेकिन 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी की शर्त व कम बसों के चलने के कारण लोगों को दिक्कतें पेेश आ रही थी। ऐसे में अब निजी बसों के दोबारा चलने से स्थिति फिर से सामान्य हो जाएगी।