हिमाचल दस्तक। नाहन
हिमाचल प्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग लगता है कोरोना के संक्रमण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। हैरान कर देने वाला विषय तो यह है कि सिरमौर प्रवास पर मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर से कहा था फिलहाल अंगूठे के बगैर राशन दिए जाने के लिए कहा गया है। यही नहीं जिला सिरमौर में तेजी से खेल रहे रहे संक्रमण के खतरे को लेकर उपायुक्त सिरमौर ने भी बगैर अंगूठा लगाए राशन वितरण किए जाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद अभी तक जिला सिरमौर में अंगूठा लगाकर ही राशन वितरण किया जा रहा है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि मुख्यमंत्री का ब्यान और खबरें प्रकाशित होने के बावजूद निदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राम कुमार गौतम के द्वारा 5 मई 2021 को खाद्यान्न वितरण संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। जारी दिशानिर्देश में नागरिक आपूर्ति विनियमन आदेश 2019 के खंड 7 के उपखंड 13 व 14 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का हवाला देते हुए बायोमेट्रिक से ही अंगूठा लगाकर राशन दिए जाने का आदेश दिया है।
इन आदेशों के बाद एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि एक और जहां पूरा प्रदेश इस समय महामारी से लड़ने को लेकर कोरोना कर्फ्यू कि अनु पालना कर रहा है। सरकार सोशल डिस्टेंस के साथ मास्क व घर से भी बाहर ना निकलने के लिए लगातार अपीले कर रहा है। बावजूद इसके अंगूठे को लगा कर राशन वितरण किए जाने को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले सुरक्षित बता रहा है। संभवत यह भी पूरे प्रदेश में मालूम होगा कि प्रदेश में मौजूदा समय कैसी विकट परिस्थितियां चली हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजर उपलब्ध हो या ना हो इसको लेकर भी कहा नहीं जा सकता। मगर यहां विभाग को आपदा की परिस्थितियों में संक्रमण से ज्यादा अपने नियमों की पड़ी हुई है। ऐसे में जब अधिकारी मुख्यमंत्री के के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल के जवाब में अंगूठे की मनाही की गई थी तो अधिकारी अभी तक मुख्यमंत्री की बात पर अमल क्यों नहीं कर पा रहे हैं इसको लेकर सवालिया निशान भी खड़े हो रहे हैं।
देश व प्रदेश में कोरोना चेन को तोड़ने के लिए आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर कोरोना कर्फ्यू भी लागू है। वही गरीब लोगों को देश की सरकारें मुफ्त राशन दिए जाने की बात कर रही है। मगर हिमाचल प्रदेश में राशन कार्ड होने के बावजूद अंगूठा प्रणाली को सुरक्षित बताते हुए अंगूठे से ही राशन देने की बात की जा रही है।