जय प्रकाश। संगड़ाह
उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली जूइणीधार घाटी के पर्यटन विकास के लिए साथ लगते मडंवाच गांव के ग्रामीण आगे आए और सरकारी बजट का इंतजार किए बिना चंदे से सड़क निर्माण शुरू कर दिया।
दरअसल गत 27 फरवरी को उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी, एसडीएम संगड़ाह डॉ. विक्रम नेगी, डीएफओ रेणुकाजी श्रेष्ठानंद शर्मा तथा सहायक पर्यटन विकास अधिकारी राजीव मिश्रा द्वारा जूइणीधार चोटी का दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने घाटी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से चोटी तक जाने के लिए ट्रैकिंग रूट अथवा संपर्क मार्ग को लेकर चर्चा की थी। उस समय हालांकि स्थानीय ग्रामीणों में उनकी जमीन अथवा खेतों से सड़क ले जाए जाने को लेकर सहमति नहीं बनी, मगर शुक्रवार को इस बारे मडंवाच गांव में हुई स्थानीय बुद्धिजीवियों की बैठक के बाद ग्रामीणों ने खुद से सड़क निर्माण शुरू कर दिया।
केडी शर्मा, गुमान सिंह, बलिराम, सुखराम शर्मा व नेत्र सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि वह विभाग अथवा प्रशासन को 2 किलोमीटर सड़क बना कर देंगे। ग्रामीणों द्वारा चंदा इकट्ठा कर संपर्क मार्ग निर्माण के लिए जेसीबी मशीन लगाई जा चुकी है। शुक्रवार सायं खबर लिखे जाने तक ग्रामीणों द्वारा उनके खेतों में अथवा गांव से होकर करीब 100 किलोमीटर मीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका था।
सर्दियों में बर्फ से ढकी रहने वाली जूणीधार पहाड़ी के प्राकृतिक सौंदर्य अथवा मनमोहक दृश्य संबंधित तस्वीरें सोशल मीडिया पर हर साल सर्दियों आकर्षक का केन्द्र रहती है। अब तक पर्यटन विकास से वंचित तथा राज्य उच्च मार्ग से भी नहीं जुड़ सके उपमंडल संगड़ाह के जूइणीधार में जहां ग्रामीण अपने स्तर पर सड़क निर्माण शुरू कर चुके हैं, वहीं बड़याल्टा घाटी में बीडीसी अध्यक्ष संगड़ाह के प्रयासों से पैराग्लाइडिंग के सफल ट्रायल्स हो चुके हैं।
बहरहाल आजादी के 73 साल बाद तक पर्यटन विकास से वंचित संगड़ाह की अनछुई मनोरम घाटियां जल्द स्थानीय लोगों, प्रशासन अथवा सरकार के प्रयासों से पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है।