शिमला:प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने संजीवनी की तरह की काम किया है। पिछले दो साल में इस योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए वर्ष 2018 में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ राज्य के पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है।
जनवरी, 2018 से 27 दिसंबर, 2019 तक 1,15,387 लाभार्थियों के खातों में 48.57 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई। गौर रहे कि इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को तीन किस्तों में 5.5 हजार रुपये नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा बेटी है अनमोल योजना के तहत बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली बालिका को दी जाने वाली एकमुश्त अनुदान सहायता राशि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया है। मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत दो बच्चों के पालन-पोषण पर दी जाने वाली सहायता राशि को गत साल में 4000 रुपये प्रति बच्चा प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया।
इस योजना के तहत दो साल में 45,820 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनकी सुरक्षा के लिए नीतियों के बारे में सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महिला कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। प्रदेश में संचालित 18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों में औसतन 79,000 बच्चों को अनौपचारिक शालापूर्व शिक्षा प्रदान की जा रही है। गत दो साल में 70 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण तथा स्तरोन्यन के लिए सात करोड़ रुपये व्यय किए गए।