देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं बेदी को
राजीव भनोट।ऊना : व्यंग्य लेखन में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करवाने वाले व्यंग्यकार गुरमीत बेदी को पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा रविवार को जालंधर में आयोजित अपने 23वें वार्षिक समारोह में व्यंग्य लेखन के लिए राष्ट्रीय हास्य व्यंग्य चेतना अवार्ड से सम्मानित किया गया। अकादमी ने पहली बार किसी व्यंग्यकार को यह अवार्ड प्रदान किया है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए साहित्यकार , कलाकार व विभिन्न क्षेत्रों की कई नामचीन हस्तियां उपस्थित थीं।
हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के चंडीगढ़ स्थित प्रेस संपर्क कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत गुरमीत बेदी की साहित्य की विभिन्न विधाओं में एक दर्जन से अधिक पुस्तकें और तीन उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं । गुरमीत बेदी को हिमाचल साहित्य अकादमी पुरस्कार व हिमाचल प्रदेश राज्य भाषा सम्मान सहित देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उनकेे व्यंग्य अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं। उन्हें व्यंग्य लेखन के लिए कनाडा के विरसा अवार्ड के अलावा प्रतिष्ठित व्यंग्य यात्रा सम्मान भी मिल चुका है।
गुरमीत बेदी की व्यंग्य विधा में तीन पुस्तकें – इसलिए हम हंसतेे हैं, नाक का सवाल व खबरदार जो व्यंग्य लिखा शीर्षक से प्रकाशित हो चुकी हैं। गुरमीत बेदी मारीशस व जर्मनी के बर्लिन में आयोजित वर्ल्ड पोएट्री फेस्टिवल में भी भाग लेकर हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित कर चुके हैं। उनके कविता संग्रह – मेरी ही कोई आकृति का जर्मन कवियत्री रोजविटा ने जर्मनी में भी अनुवाद किया है।
बेदी के कहानी संग्रह सूखे पत्तोंं का राग की साहित्यिक क्षेत्रों में काफी चर्चा हुई है जिसकी भूमिका इस वर्ष के साहित्य अकादमी अवार्ड से अलंकृत जानी-मानी कथाकार चित्रा मुदगल ने लिखी है। एस्ट्रोलॉजी पर गुरमीत बेदी ने रिसर्च बुक भी लिखी है, जिसमें उन्होंने एस्ट्रोलॉजी को तर्कों सहित विज्ञान साबित करने की कोशिश की है। गुरमीत बेदी 1982 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई खेलों के शुभारंभ अवसर पर भंगड़ा टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और रंगमंच से भी जुड़े हैं।