हिमाचल दस्तक ब्यूरो। ऊना
छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बचत भवन ऊना अद्वेता फाउंडेशन के सौजन्य से आने वाली गांधी जयंती के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
इस दौरान उन्होंने अद्वेता फाउंडेशन की ओर से जमा एक व दो कक्षा के 68 विद्यार्थियों को फीस के लिए 80 हजार रुपये की सहायता राशि वितरित की। इनमें अनाथ अथवा जिनके पिता नहीं है और विशेषाधिकार के तहत आने वाले बच्चे शामिल हैं।
इसके अलावा कोरोना संक्रमण के काल में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने वाले 5 शिक्षकों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों में हरीश पुष्करणा, रामस्वरूप, तनु ठाकुर, रजिंदर कौशल, कुमार शामिल हैं। सतपाल सत्ती ने अद्वेता संस्था के इस प्रयास की सराहना भी की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सतपाल सत्ती ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा भी बेसहारा व अनाथ बच्चों के लिए संबल योजना चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा गया है कि घर के मुखिया का निधन हो जाने पर या किसी कारणवश लाचार हो जाने पर बच्चों की शिक्षा पर सीधा दुष्प्रभाव पड़ता है।
ऐसे बच्चे या तो शिक्षा से पूर्णतः वंचित रह जाते हैं या शिक्षा के लिए अन्य लोगों के सामने हाथ फैलाने को बाध्य हो जाते हैं। भाग्य के कुठारघात के बाद शिक्षा न मिलने के कारण ऐसे बच्चे एक अच्छे जीवन से भी वंचित हो जाते हैं।
ऐसे कई मामले जिला प्रशासन के सामने सहायता के लिए आते है और यदि इन बच्चें को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता मिल जाए तो उनका जीवन संवर सकता है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा अति-गरीब परिवार के इन पात्र बच्चों को मंदिर ट्रस्ट चिंतपूर्णी के माध्यम से “संबल” योजना के अंतर्गत शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
इस अवसर पर उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि संबल योजना का लाभ लेने के लिए बेसहारा व अनाथ बच्चे, जिन बच्चों के पिता का निधन हो चुका है, जिन बच्चों के पिता उनकी माता को छोड़ चुके हैं, जिन बच्चों के पिता किसी बीमारी की वजह से बिस्तर पर है, जिन बच्चों के पिता मानसिक रूप से ठीक नहीं है व अनाथ या अति-निर्धन परिवारों के बच्चे पात्र हैं।
इस मौके पर अद्वेता संस्था की अध्यक्ष मोनिका सिंह, जिला परिषद् सदस्य ओंकार नाथ कसाणा, उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा देवेंद्र चंदेल, प्रिंसिपल निरीक्षण राजेंद्र कौशल, कर्नल लाल बांखड़े, जसवीर सिंह, इंद्रजीत, मनमोहन, डॉ. गुरिंदर सहित जिला अधिकारी व संस्था के प्रतिनिधि व सदस्य उपस्थित थे।