हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
प्रदेश में स्कूल और कॉलेज तो खोले जा चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश विश्वविद्यालय को पूरी तरह नहीं खोला गया है। इसके चलते छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एबीवीपी के एचपीयू इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने प्रेसवार्ता में कहा कि विश्वविद्यालय को बंद हुए करीब एक साल बीत चुका है। जहां प्रदेशभर में स्कूल व कॉलेज छात्रों के लिए खुल चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश विश्वविद्यालय को खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि एक अधिसूचना पुस्तकालय को खोलने को लेकर जारी तो होती है, लेकिन कब पुस्तकालय खुलेगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की नाकामी के कारण आज अनेकों छात्र पीजी परिणाम घोषित न होने के कारण पीएचडी के फॉर्म नहीं भर पाए हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेशों के बाद भी प्रशासन ऐसे अधिकारियों का संरक्षण कर रहा है, जो बेहद निंदनीय है। एक साल बीत जाने के बाद भी आइसीडीओल में दाखिले शुरू नहीं हो पाएं हैं।
विशाल सकलानी ने कहा कि गैर शिक्षक भर्तियों के लिए आवेदन लिए हुए एक वर्ष बीत गया है, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। जिन बीबीए, बीसीए के छात्रों को प्रमोट किया गया अभी तक उनके परिणाम विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने में असमर्थ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को गोल्डन चांस नाम पर ठगने का प्रयास किया गया। पहले प्रशासन बीबीए, बीसीए के छात्रों गोल्डन चांस के नाम पर 20,000 रुपये वसूलने की अधिसूचना जारी की गई, जो 16 दिसंबर को गोल्डन चांस की अधिसूचना के विरुद्ध है। इसमें 5000 प्रति सेमेस्टर में गोल्डन चांस के परीक्षा फॉर्म भरे गए।
21 तक छुट्टियां, उसके बाद खुलेगा विश्वविद्यालय
एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक जेएस नेगी ने कहा कि लाइब्रेरी खोलने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है और कुछ दिनों में लाइबे्ररी खोल दी जाएगी। हॉस्टल को आंवटित करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर होगी। अभी 21 तक छुट्टियां चल रही हैं और 21 के बाद विश्वविद्यालय को खोल दिया जाएगा।