हिमाचल दस्तक। शाहतलाई
महंगाई की मार से जहां घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है, वहीँ इसका असर वाहन चालकों पर भी पड़ा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल ने वाहन मालिकों को भी अपने वाहन घर पर खड़े करने को मजबूर कर दिया है। इसका असर छोटा-मोटा कारोबार कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वालों पर भी पड़ा है। ताजा मामला शाहतलाई में देखने को मिला है। यहां एक प्रवासी दंपति घोड़ागाड़ी पर सवार होकर गांव-गांव जाकर कबाड़ इकट्ठा कर रहा है।
कालका पिंजौर के विजय कुमार ने कहा कि वह अपनी पत्नी सुमन के साथ चंडीगढ़ शहर में किराए के मकान में रह कर घोड़ागाड़ी पर सब्जियां बेच कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था लेकिन महंगाई के बढ़ने से उसका धंधा भी मंदा होने लगा जबकि घोड़े का खाना-दाना महंगा होने की वजह से अब उसने अपनी आजीविका कमाने के लिए हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्र को उचित समझा।
विजय कुमार ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह पत्नी के साथ गांव-गांव जाकर कबाड़ इकट्ठा करने निकल जाते हैं और घोड़े को खुली जगह पर चरने के लिए बांध देते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके पास 2 घोड़े थे तथा दोनों पति-पत्नी अपनी-अपनी घोड़ागाड़ी पर कारोबार करते थे जिससे उनको अच्छी कमाई होने लगी थी लेकिन कुछ दिन पहले एक घोड़े की टांग टूट गई।
उनका कहना है कि अभी इतना भी काम नहीं है कि सही तरीके से परिवार का पालन-पोषण कर सकूं, लेकिन एक बात सत्य है कि इस महंगाई के दौर में हर किसी का बजट बिगड़ गया है।