कमल शर्मा। शाहतलाई
शाहतलाई बुर्जुगों की चलाई हुई प्रथा को जीवित रख कर आज भी घर घर ढोलकी बजाकर शिव महिमा, शिव विवाह का गुणगान कर रहा है झबोला निवासी प्रेम चंद।उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत झबोला के निवासी प्रेम सिंह पुत्र राम सिंह ने बताया कि वह पेशे से मजदूरी करता है पर हर वर्ष चैत्र मास मे इस कला को जीवित रखने के लिए कोई भी दिहाड़ी मजदूरी नहीं लगता है बल्कि परिवार के साथ ढोलकी बजाकर घर शिव पार्वती की महिमा संगीत के माध्यम से सुना रहा है।
प्रेम सिंह ने बताया कि उनके बर्जुगों ने बताया था कि उनकी जात बिरादरी ने शिव भोले नाथ के विवाह मे ढोलकी बजाई थी इसी प्रथा के चलते आज भी हमारी जात बिरादरी चैत्र मास में शिव की महिमा गाकर सुनाते हैं। प्रेम सिंह ने बताया कि ढोलकी बजाने व शिव महिमा संगीत के माध्यम से सुनाने की कला अपने दादा मनसु राम से सीखी है। उसने बताया कि जंहा आजकल की युवा पीढी इस कला को सीखने से संकोच करती वंही प्रेम सिह अपनी पत्नी व बेटा,बेटी को लेकर हर दिन अलग अलग गांवों में जाकर गुणगान कर रहे हैं।