हिमाचल दस्तक। शाहतलाई
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता है, हौसलों से उड़ान होती है। ऐसा ही कर दिखाया है ग्राम पंचायत झबोला निवासी महेंद्र पाल की बेटी ने, जो कोरोना महामारी के दौरान एम्स नई दिल्ली में फिजियोथेरेपिस्ट पलमोनरी मेडिसन एंड क्रिटिकल केयर के रूप में सेवाएं दे रही है।
उल्लेखनीय है कि झबोला निवासी महेंद्र पाल की बेटी डॉक्टर शिवानी कुमारी ने प्राइमरी शिक्षा शिशु माडल उच्च पाठशाला शाहतलाई से प्राप्त की। उसके पश्चात वर्ष 2003 में इनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय कोठीपुरा जिला बिलासपुर में हुआ। वहां से वर्ष 2009 जमा दो की परीक्षा पास की। इसके पश्चात डॉक्टर शिवानी कुमारी ने संतोष मेडिकल कॉलेज व अस्पताल गाजियाबाद से फिजियोथेरेपिस्ट की 4 साल की डिग्री की और वहीं से ही 6 माह प्रशिक्षण लिया।
गौरतलब है कि फिजियोथेरेपी को फिजिक्स ट्रीटमेंट भी कहते हैं, जो कि मेडिकल साइंस की ही एक शाखा है। इसमें उपचार की एक अलग पद्धति होती है, जिसमें एक्सरसाइज, हाथों की कसरत, पेन रिलीफ मूवमेंट के द्वारा दर्द को दूर किया जाता है। इस थेरेपी का उद्देश्य रोग के कारण को जानकर उस रोग से रोगी को मुक्त करना होता है। उन्होंने बताया कि उनका फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में 6 वर्षों का अनुभव है।
इसके अलावा ब्रह्मशक्ति विशेष विद्यालय में बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर 3 साल कार्य किया। एक फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में फुटबॉल क्लब बार्सिलोना में काम किया, जबकि एक वर्ष से दिव्यांग अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में कार्य किया जबकि वर्तमान में एम्स नई दिल्ली में पलमोनरी क्रिटिकल केयर में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में काम कर रही हैं। इसमें खास बात यह है कि डॉक्टर शिवानी कुमारी ने हर कक्षा व हर क्षेत्र में पहला ही स्थान प्राप्त किया।
डॉक्टर शिवानी कुमारी के पिता डाक विभाग दिल्ली में कार्यरत हैं और माता गृहिणी हैं। ग्राम पंचायत झबोला के उपप्रधान हरवंश लाल का कहना है कि हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी पंचायत की बेटी कोरोना महामारी के बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स दिल्ली में सेवाएं प्रदान कर रही है।