शिमला:
सिरमौर पूरी तरह से लावारिस पशु मुक्त जिला बन गया है। राज्य सरकार ने जिला के कोटला-बडोग में गौशाला तैयार कर यहां 650 गाय रखी गई हैं। सरकार ने अब अगला लक्ष्य सोलन, हमीरपुर और ऊना कारखा है।
पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिला सिरमौर के कोटला-बडोग में बीते दिनों गौशाला में 650 लावारिस पशुओं को रखा गया है। इन पशुओं के लिए चारा भी राज्य सरकार खुद दे रही है। सरकार ने इस गौशाला को मंदिर कमेटी के हवाले भी कर दिया। सिरमौर के बाद राज्य के दूसरे जिलों में तैयार होने वाली गौशाओं को भी मंदिर कमेटी के हवाले कर दिया जाएगा। सरकार गौ सदनों का निर्माण करके इसे मंदिरों को सौंपेगी और मंदिर कमेटियां ही इन सदनों की देखरेख और इनका संचालन करेंगी।
इससे पहले सरकार ने प्रदेश में अधिकृत मंदिरों की आय का कुछ प्रतिशत हिस्सा गौ सदनों के संचालन के लिए तय किया था। अब सरकार ने अपनी योजना बदल कर मंदिरों से पैसा न लेते हुए मंदिरों को ही गौ सदन चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने प्रदेश में करीब 250 बीघा जमीन पर गौ सदनों के निर्माण की योजना तैयार कर दी। जिसमें से पहले चरणा में जिला सिरमौर में तैयार हो चुकी है।
राज्य सरकार लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों को छोड़ शेष सभी 10 जिलों में 18 जगह गौ सदनों का निर्माण करेगी। इसके लिए सरकार को अधिकांशा जिलों में जमीन मिल गई है। इसमें ऊना और कांगड़ा में तीन-तीन, बिलासपुर, हमीरपुरए मंडी और चंबा में दो-दो गौशालाओं का निर्माण किया जाना है। जिला सिरमौर के कोटला-बडोग में गौशाला बन कर तैयार हुई है और यहां 650 गाय भी रखी गई हैं। इसके अलावा जिला शिमला के सुन्नी में भी एक गौशाला बनाई जाएगी।
31 मार्च तक गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य
सरकार ने 31 मार्च तक जिला सोलन, हमीरपुर और ऊना में गौशालाओं के निर्माण करने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में जहां जहां पर जमीन मिल गई है सरकार ने वहां पर 31 मार्च तक गौशाला निर्माण का लक्ष्य तय कर दिया है, ताकि जल्दी जल्दी बेसहारा पशुओं को संरक्षित किया जा सके। पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस दिशा में काम करने के लिए अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।
प्रदेश में 30 हजार से अधिक पशु लावारिस
2011 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में 30 हजार से अधिक बेसहारा पशु हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने अब पशु़ओं की टैगिंग और रजिस्ट्रेशन का काम भी शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया के बाद कोई भी लोग पशुओं को लावारिस छोड़ नहीं सकेंगे।
सिरमौर हिमाचल का पहला लावारिस पशु मुक्त जिला बन गया है। हाल ही में कोटला-बडोग में निर्मित गौरशाला में 650 पशुओं को ठिकाना मिल गया, आने वाले समय में सोलन, हमीरपुर और ऊना जिला में भी गौशालाएं बनेंगी। पशुओं की टैगिंग और रजिस्ट्रेशन का काम भी शुरू कर दिया है।
-वीरेंद्र कंवर, पशु पालन मंत्री