देवेंद्र सूद, गगरेट।
आबकारी एवं कराधान विभाग में पैसेंजर एवं गुड्स टैक्स चालान मामले में विजिलैंस की तीन टीमों ने एएसपी सागर चंद के नेतृत्व में गगरेट व अंब क्षेत्र के एक लोकमित्र केंद्र सहित चार साइबर कैं फो पर दबिश दी। इस दौरान विजिलैंस की टीम ने सभी कैफे सेंटरों का रिकार्ड जांचा। विजिलैंस टीम ने इसके अलावा गगरेट व अंब ट्रक यूनियन के कार्यालयों में भी दबिश दी।
इस दौरान ट्रक यूनियन कार्यालयों में ट्रक ऑपरेटर्स की टैक्स रसीदों को भी जांचा गया। जो सही पाई गई। वहीं कंप्यूटर सेंटरों में भी विभाग को कोई गड़बड़ी नहीं मिली। हालांकि विभाग के रिकार्ड की जांच के दौरान विजिलैंस टीम को 55 से 60 चालान फर्जी मिले हैं। जिसके रिकार्ड की जाचं अभी जारी है और फर्जी चालान बढ़ भी सकते हैं। वहीं एएसपी सागर चंद ने ट्रक यूनियन के सदस्यों को गुड्स टैक्स की रसीदें विभाग के साफटवेयर में जांचने का भी आग्रह किया। आबकारी एवं कराधान महकमे में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा गुड्स एवं पैसेंजर टैक्स के हुए महा घोटाले की परतें उधेडऩे के लिए कुछ ठिकानों पर दबिश दी। विजीलेंस विभाग की टीम के साथ आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
विजीलेंस विभाग द्वारा उजागर किए गए इस घोटाले से आबकारी एवं कराधान विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। हैरत की बात यह है कि लंबे समय से आबकारी एवं कराधान विभाग में यह गौरखधंधा चलता रहा लेकिन किसी भी विभागीय अधिकारी की नजर इस घोटाले पर नहीं पड़ी। अब तक इस घोटाले के माध्यम से सरकारी खजाने को कितना चूना लगाया चुका है इसकी जांच जारी है और इसी बीच इस घोटाले की कडिय़ां जोडऩे के लिए विजीलेंस विभाग ने अब जिले के अन्य ठिकानों पर भी दबिश देनी शुरू कर दी है।
जांच टीम अपने साथ एक साफ्टवेयर भी लेकर आई थी। जिसके माध्यम से आबकारी विभाग के अधिकारी भी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे थे कि यह घोटाला कहां-कहां से पनपा। एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग में सामने आए इस घोटाले के सिलसिले में ही अंब व गगरेट में विजीलेंस टीम ने दबिश दी थी। उन्होंने बताया कि कुछ ट्रांसपोर्टर्स को भी गुड्स टैक्स की रसीदें दिखाने को कहा गया है ताकि इनकी जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच को समय लगेगा तभी वास्तव में तय होगा की यह घोटाला कितना हैं।