- आयकर विभाग हर साल आय-व्यय का करता है आकलन
- सरकार के आयकर विभाग में सेक्शन 12एए के तहत पंजीकृत
- आज तक सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया
- मंदिर संचालन के लिए पूर्व महंत देवी गिरि ने 2013 में किया था ट्रस्ट का गठन
बनखंडी:
प्राचीन सिद्ध पीठ बगलामुखी बनखंडी में मंदिर अधिकारी पवन बडिय़ाल ने प्रेसवार्ता करके मंदिर की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट सरकार के सभी नियमों का पालन करता है और यह नियमानुसार ही पंजीकृत हुआ है। बडिय़ाल ने बताया कि आयकर विभाग को हर साल मंदिर की आय-व्यय का ब्यौरा दिया जाता है और आयकर विभाग हर साल इसका आकलन करता है।
बडिय़ाल ने कहा कि ट्रस्ट की आय-व्यय का ब्यौरा कोई भी देख सकता है। बडिय़ाल ने कहा कि भारत सरकार के आयकर विभाग में ट्रस्ट बाकायदा सेक्शन 12एए के तहत पंजीकृत है। मंदिर में दिए गए दान को लेकर 80 जी के तहत आयकर छूट का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने आज तक सरकार से किसी भी किस्म का कोई अनुदान नहीं लिया है। पूरी व्यवस्था का निर्वहन मंदिर ट्रस्ट द्वारा खुद किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मंदिर के संचालन के लिए पूर्व महंत देवी गिरि ने 2013 में ट्रस्ट का गठन किया था जिससे मंदिर न्यास में विभिन्न कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि मंदिर से जरूरतमंद लोगों के उत्थान के लिए कार्य किए जाते हैं जो भी कोई जरूरतमंद अपनी किसी भी समस्या के लिए मंदिर में आते हैं, चाहे उनके घर में शादी हो या कोई बीमार हो और फिर अन्य समस्या हो, उनकी हर परेशानियों के निदान के लिए उचित प्रकार से धनराशि दी जाती है।
मंदिर द्वारा हर प्रकार से किसी भी क्षेत्र से जरूरतमंद, असहाय लोगों के लिए सहायता प्रदान की जाती है। मंदिर अधिकारी ने बताया कि हर 4 महीने बाद मंदिर का आय-व्यय का ब्यौरा जिलाधीश और तहसीलदार अधिकारी को दिया जाता है। मंदिर अधिकारी पवन बडिय़ाल ने बताया कि मंदिर में व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था के साथ-साथ उनका मान-सम्मान किया जाता है।
मंदिर अधिकारी ने बताया कि मंदिर में दोनों समय का लंगर और चाय-पानी की व्यवस्था 12 घंटे चलाई जाती है। मंदिर में हर प्रकार से व्यवस्था उचित है और मंदिर के आसपास जो भी गौशाला चलाई जाती हैं, उनमें मंदिर की तरफ से चारा और गौ सेवा के लिए दान भी किया जाता है। मंदिर में निर्धन लड़कियों की शादी भी करवाई जाती है। मंदिर में हर प्रकार के कार्य को करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें नजदीक के व्यक्तियों के साथ पंचायत के लोगों और वरिष्ठ ब्राह्मणों को शामिल किया गया है, जो कि मंदिर की व्यवस्था और उसका संचालन करने में हमारी सहायता करते हैं। बडिय़ाल ने कहा कि श्रद्धालुओं की ओर से मंदिर में कोई भी सुझाव आता है तो उसको अमल में भी लाया जाता है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की व्यवस्था के अनुरूप ही मंदिर में कार्य किए जाते हैं। मंदिर अधिकारी ने बताया कि हमारा मंदिर हर तरह से जरूरतमंद लोगों की समस्याओं के निदान के लिए कार्य करता है।
श्रद्धालुओं की सुविधा को बढिय़ा पार्किंग का निर्माण
मंदिर में पार्किंग की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा एक विशाल और बढिय़ा पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है जिसमें कम से कम 1000 गाडिय़ां एक समय में पार्क की जा सकती हैं। ये सभी कार्य भक्तजनों की और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए हैं।