हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक हुई। इसमें स्मार्ट सिटी से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में 28.63 करोड़ व्यय कर 16.10 किलोमीटर सड़कों, 2.42 किलोमीटर के वॉकवेज और 1.42 किलोमीटर सीढिय़ों के सुधार कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। दलाईलामा मंदिर रोड़ में अनुमानित 5.75 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट मोड में स्मार्ट पार्किंग निर्माण को भी बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि मैकलोडग़ंज में यातायात सुविधाओं को बेहतर करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने धर्मशाला शहर में साइकलिंग की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इस संबंध में विशेष कदम उठाने के लिए प्रयास करने को कहा।
बैठक में मुख्य सचिव ने धर्मशाला में सड़क, परिवहन सुविधाओं, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं में और सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं में सुधार से ही सही मायनों में धर्मशाला को स्मार्ट सिटी बनाने की ओर आगे बढ़ा जा सकता है। बैठक में नगर निगम धर्मशाला के महापौर देवेंद्र जग्गी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान, सचिव शहरी विकास सी पॉलरासु, कांगड़ा के उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति, शहरी विकास विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम भी उपस्थित थे।
आईएसबीटी से शिक्षा बोर्ड तक की सड़क भी होगी स्मार्ट
धर्मशाला अंतरराज्जीय बस अड्डा से शिक्षा बोर्ड तक 2.75 किलोमीटर लंबी सड़क को स्मार्ट सैंपल सड़क के रूप में विकसित करने की परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पूरे नगर निगम क्षेत्र में सड़कें, स्ट्रीट, स्ट्रीट लाईट, वॉकवेज आदि विकसित किए जाएंगे। नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त और धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप ठाकुर ने बैठक का संचालन किया।
हर जिला में हेलिपोर्ट और जलाशयों में चलेंगे शिकारे
- मुख्य सचिव ने पर्यटन योजनाओं की समीक्षा बैठक ली
- हर जिला में हेलिपोर्ट के लिए भूमि चिह्नित करने को कहा
शिमला। मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली पर्यटन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए संबंधित विभागों में आपसी समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया है। वह यहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही पर्यटन परियोजनाओं के प्रगति कार्य की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इको व साहसिक टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए दक्ष प्रयास किए जाने चाहिए। इससे न केवल रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी बल्कि राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत पैराग्लाइडिंग के लिए नए स्थलों को भी चिन्हित किया जाना चाहिए। इसके लिए सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने मंडी जिला में बूल्हा कटारू को इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों को हर जिला में हेलीपोर्ट स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे यात्री परिवहन सेवाएं सुदृढ़ होंगी। पर्यटन विकास के लिए पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करवाना नितांत आवश्यक है।
बैठक में पौंग बांध तथा कुछ अन्य वाटर बॉडीज में शिकारा सुविधा आरंभ करने को भी अनुमति प्रदान की गई। इससे जल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने में मद्द मिलेगी तथा पर्यटन स्थलों का विस्तार भी होगा। डॉ. बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने नैसर्गिक सौन्दर्य और शांत वातावरण के कारण विश्व पर्यटन के मानचित्र पर पसंदीदा स्थल के रूप में उभर रहा है। उन्होंने राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत यहां आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। निदेशक पर्यटन विभाग युनूस ने कार्यवाही का संचालन किया तथा पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन विकास के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।