अनूप शर्मा। बिलासपुर
बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग ने बरसात के मौसम में स्नेक बाइट के मामलों से निपटने को लेकर अपनी ओर से पूरी तैयारियां कर ली हैं।
विभाग द्वारा बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में एंटी स्नेक विनियम के टीेके उपलब्ध करवा दिए हैं, ताकि समय रहते पीड़ित मरीज अथवा व्यक्ति को उपचार मिल सके और उसकी जान को बचाया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर जिले के तीनों ब्लॉक घुमारवीं, झंडूता व बिलासपुर सदर मारकंड ब्लॉक में लगभग 500 एंटी स्नेक विनियम वायरल उपलब्ध करवा दी हैं।
हालांकि इस वर्ष स्नेक बाइट कोई घटना सामने नहीं आई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह ने कहा कि गर्मियों तथा बरसात के मौसम में सांप ज्यादा निकलते हैं। इसलिए कोविड-19 के साथ-साथ सांपों से भी बचाव करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की लापरवाही जानलेवा हो सकती है। उन्होंने बताया कि सांप के काटने को सर्पदंश या सांप का काटना कहते हैं। काटे गए स्थान पर दांतों के हल्के या स्पष्ट दिखने वाले निशान व जख्म होते हैं, जो सूजन से कई बार ढक जाते हैं।
सांप के काटने पर विषाक्ता से कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। अब यह पता लग चुका है कि अधिकांश सांप विषहीन होते हैं। उन्होंने बताया कि दंश के स्थान पर तीव्र जलन, सूजन और दर्द होना, आवाज का बैठना, ज्यादा नींद लगना, तनाव, मिचली व उल्टी होना, अनैच्छिक रुप से मल-मूत्र का त्याग, लकवा होना, पलकों का गिरना, एक वस्तु की दो दिखाई देना तथा पुतलियों का फैलना दंश के मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दंश जहरीला है या नहीं विशेषज्ञ द्वारा जांच से ही पता लग सकता है।
सांप काटने पर क्या करें
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह ने बताया कि व्यक्ति को शांत रखें और आश्वस्त करें कि वह ठीक हो जाएगा अन्यथा तनाव व दिल की तेज धडकन से जहर तेजी से शरीर में फैलेगा, सांप द्वारा काटे गए व्यक्ति को चलने-फिरने न देंए दंश के स्थान को हृदय से नीचे रखें, ताकि जहर शरीर के अन्य भागों में न फैल जाए। महत्वपूर्ण लक्षणों जैसे बुखार, नब्ज, सांस की गति और रक्तचाप की निगरानी करें। आघात में व्यक्ति को सीधा लिटाएं, दोनों पांव एक फुट ऊंचा उठाएं और कंबल ओढा दें, तुरन्त व्यक्ति को इलाज के लिए 108 एंबुललेंस के द्वारा नजदीक के सरकारी अस्पताल ले जाएं सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुबिधा मुफ्त उपलब्ध है।
क्या नहीं करें
डॉ. परविंद्र सिंह ने बताया कि सर्पदंश जानलेवा है या नहीं, सोचने में समय न गवाएं, मंत्र व झाडने से जहर उतारने में भी बिल्कुल समय न गवाएं, काटे गए स्थान पर न चीरा लगाएं, न चूसें, सर्पदंश के व्यक्ति को अति-उतेजित ने होने दें, व्यक्ति को खाने-पीने को कुछ न दें तथा स्थानीय औषधि का इस्तेमाल भी न करें।
हिमाचल में पाए जाने वाले सांप
भारत में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें इंडियन कोबरा, रसेल वाइ्रपर, सा स्केल्ड वाइपर, द किंग कोबरा, इंडियन पिट वाइपर प्रमुखता से शामिल हैं।