हिमाचल दस्तक। गगरेट
कोरोना संकट की दूसरी लहर में बेशक कोविड महामारी में हर कोई बढ़चढ़ कर अपना सहयोग राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर दे रहा है, लेकिन एक ऐसा चश्मोचिराग भी है, जो अपने नाम के अनुरूप इस परिभाषा को सत्य में तबदील करने में जुटा है। पिता के बताएं रास्ते पर चलते हुए पूर्व विधायक राकेश कालिया का बेटा सोहराब कालिया जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटा है। हालांकि सोहराब का अर्थ सो सूर्यो का तेज है, लेकिन इसका दूसरा अर्थ एक असल हीरो है।
कोविड की दूसरी लहर में सोहराब कालिया ने लोगों के बीच जाने का निर्णय लिया और पूरी टीम को संगठित करके राहत कार्य करने में जुट हुआ है। राजनीतिक परिवेश में सोहराब की पहचान राकेश कलिया के बेटे के इलावा प्रदेश सेवा दल के महासचिव के रूप में भी है। इस समय सोहराब वकालत की पढ़ाई कर रहा है और तृतीय वर्ष का छात्र है। कोरोना कफ्र्यू के दौर में सोहराब लोगों की सेवा के लिए जी जान से जुटा हुआ है।
युवा कांग्रेस की टीम के साथ हर कोविड मरीज तक पहुंच कर उनके लिए राहत सामग्री देना, कोविड वेक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना व कोविड टेस्ट करवाने व वहां पर भी पीने के पानी के साथ साथ अन्य सुविधाओं के लिए भी सहयोग करने के इलावा विभिन्न पंचायतों में कोरोना राहत सामग्री पहुंचाने में सोहराब कालिया व उनकी टीम तन झुलसा देने वाली गर्मी में जी जान से जुटी हुई है।
सोहराब कालिया के इस नए अंदाज से सत्ता के गलियारों में सुगबुगाहट होना आम बात है। क्यास ये भी लगाए जा रहे थे कि शायद राजनीति में विधिवत प्रवेश की कवायद है, लेकिन तमाम अटकलों पर विराम देते हुए सोहराब कालिया ने बताया कि वह अपने पिता के बताए रास्ते पर चल रहे है। अब तक वह गगरेट क्षेत्र की लगभग ३५ पंचायतों में जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध करवा चुके है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार इस महामारी के दौर से गुजऱ चुका है मेरे पिता, मां व बहन भी कोविड का दंश झेल चुके है। मैं कोविड का दर्द बेहद नजदीक से समझता हूं इसलिए ये सेवा सिर्फ अपने परिवार की तरफ से गगरेट क्षेत्र की जनता के लिए है।