शकील कुरैशी : शिमला
करोड़ों रुपये के कर्ज में दबे राज्य के बिजली बोर्ड को एक बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार द्वारा सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर 40 फीसदी कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के चलते यहां सौर ऊर्जा को महंगा कर दिया गया है। सौर ऊर्जा उत्पादकों को उनके उत्पादित बिजली का दाम बढऩे से जरूर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यहां उनसे बिजली खरीदने वाले बिजली बोर्ड को चपत लगेगी। उसके लिए बिजली खरीद का दाम 36 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दिया गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में सौर ऊर्जा के लिए अगले वित्त वर्ष का नया टैरिफ दिया है, जिस पर 16 मार्च तक आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं।
नया टैरिफ पहली अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा। बिजली बोर्ड पहले ग्रामीण क्षेत्रों में लगे सौर ऊर्जा के एक मेगावॉट क्षमता के प्रोजेक्ट से प्रति यूनिट 3 रुपये 38 पैसे के हिसाब से बिजली खरीदता था, अब इसका रेट 3 रुपये 74 पैसे कर प्रति यूनिट कर दिया गया है। इसी तरह से 1 से 5 मेगावॉट तक के प्रोजेक्टों से खरीदी जाने वाली बिजली प्रति यूनिट 3 रुपये 70 पैसे के दाम से ली जाएगी, जबकि पहले यह दाम 3 रुपये 34 पैसे का था।
इसी तरह से शहरी व उद्योग क्षेत्रों में लगे सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों से 1 मेगावॉट तक के 3 रुपये 45 पैसे में बिजली ली जाती थी, जिसका रेट अब 3 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है। वहीं 1 से 5 मेगावॉट तक के इन क्षेत्रों में लगे प्रोजेक्टों से 3 रुपये 41 पैसे की दर से बिजली ली जाती थी जो अब 3 रुपये 77 पैसे की दर से ली जाएगी। यानी नियामक आयोग ने सभी दरों में 36 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की है।
नियामक आयोग तय करता है दाम
राज्य के बिजली बोर्ड को रिन्यूवल पावर परचेज ऑब्लीगेशन के तहत सोलर पावर प्रोजेक्टों से कुल लागत का 10.5 फीसदी हिस्सा खरीदना पड़ता है। यह शर्त है कि बिजली बोर्ड इतनी बिजली सौर ऊर्जा उत्पादकों से खरीदेगा, जिसके दाम नियामक आयोग तय करता है। आयोग ने अगले वित्त वर्ष के टैरिफ में इसे बढ़ा दिया है, जिससे बिजली बोर्ड को और खर्चा करना ही पड़ेगा। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी लगाने के कारण हुआ है।
हिमाचल में हैं कई छोटे और बड़े उत्पादक
हिमाचल मेंं छोटे व बड़े कई ऐसे उत्पादक हैं जो सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं। इनको राहत देने के लिए सरकार ने कई तरह की योजनाएं चलाई हैं। कई लोग अपने घरों के आंगन में सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर रहे हैं तो कई उत्पादकों ने 5 मैगावाट तक के प्रोजेक्ट लगा दिए हैं। उन सभी की उत्पादित बिजली अब महंगी दरों पर बिकेगी।
घरेलू बिजली उत्पादकों के लिए आएगा नया टैरिफ
घरेलू बिजली उत्पादकों के लिए भी जल्दी ही नियामक आयोग नया टैरिफ लाने वाला है। इसके लिए पब्लिक हीरिंग पूरी हो चुकी है, जिसमें जो सुझाव आए हैं उनपर चर्चा चल रही है। आम उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ 31 मार्च से पहले ला दिया जाएगा। इसमें पता चलेगा कि हिमाचल में बिजली और कितनी महंगी कर दी गई है।